नवरात्रि में: माता रानी को खुश करने के लिए पर्याप्त हैं ये 6 काम

चैत्र और शारदीय नवरात्र पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भक्तों की बहुत ही श्रद्धा रहती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और इसका समापन 21 अप्रैल को होगा। नवरात्रि के पूरे 9 दिन भक्त पूरे भक्तिमय माहौल के साथ माता के दर्शन करते हैं। उनकी पूजा अर्चना करते हैं।
तो चलिए आज जानते हैं नवरात्र के उन तथ्यों के बारे में जिसका 9 दिन पालन करने पर माता प्रसन्न होती हैं –

पूजा स्थल की करें सफाई
नवरात्रि शुरू होने के 1 दिन पहले घर की सफाई जरूर करनी चाहिए। खासतौर पर जहां पूजा स्थल बना हो। वहां की सफाई बहुत जरूरी होती है। मान्यता के अनुसार नवरात्रि के दिन माता दुर्गा का आगमन होता है और अगर नवरात्रि के पहले दिन ही गंदगी पूजा स्थल पर दिखाई दे तो माता रुष्ट हो जाती हैं। इसलिए साफ सफाई का विशेष ध्यान दें।

स्वास्तिक बनाएं

किसी भी पूजा पाठ से पहले स्वास्तिक का महत्व स्वास्तिक जाने के देवी देवता या संबंधित पूजा के देव का आगमन के लिए स्वास्तिक बनाते हैं स्वास्तिक को मुख्य द्वार पर हल्दी या रोली से बनाते हैं हल्दी से बना स्वास्तिक गुरु और रोली से बना स्वास्थ्य शुक्र को शुद्ध करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है।

चौकी पर बिछाएं लाल कपड़ा
नवरात्र के दिन जहां कलश स्थापना होती है। वहां पर मां की प्रतिमा के सामने चौकी पर चंदन से चौकी को सजाएं और लाल कपड़ा चौकी पर बिछाएं। लाल रंग सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

उत्तर पूर्व दिशा में ही करें कलश की स्थापना

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का महत्व होता है। कलश को किस दिशा में स्थापित करना चाहिए इसका विशेषतौर पर ध्यान देना चाहिए। नवरात्रि का कलश हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में ही स्थापित करें। कलश को सुपारी, सिक्का और जल भरकर रखना चाहिए। सोने, चांदी, पीतल के अलावा मिट्टी के कलश का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।क्योंकि मिट्टी को शुभ माना गया है।

कलश पर रखें अशोक के पत्ते
कलश स्थापना के दौरान आप कलश में अशोक के पत्ते रखें। यह पत्ते शुभ माने जाते हैं। पत्तों को 9,11, 21,7,5 इत्यादि संख्या में रखें। अशोक को शोक हरने वाला वृक्ष कहा गया है। इसीलिए मान्यता है कि अशोक के पत्ते को कलश में जरूर स्थापित करें। यह सारे दुख हर लेता है। कलस पर कलावा जरूर बांधे और उसके ऊपर नारियल रखें।

अखंड दीप जलाएं
नवरात्र के पहले दिन से ही अखंड दीप माता की चौकी पर जलाना शुभ माना जाता है। अखंड दीपक अगर आप नहीं जला पा रहे हैं तो पूरी नवरात्रि में सुबह और शाम को इस दीपक को जरूर जलाना चाहिए। माता दुर्गा की कृपा बनी रहती है।

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