कोरोना के पहले दौर ने देश में स्वास्थ्य बीमा की जरूरत बढ़ा दी है। लेकिन ग्राहकों को पहले के मुकाबले इस पर ज्यादा प्रीमियम भी देना पड़ रहा है। अब जबकि देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, तो ग्राहकों को यह चिंता सता रही है कि स्वास्थ्य बीमा महंगा हो सकता है। इसकी मुख्य वजह यही है कि बीते एक वर्ष के दौरान कोरोना संकट के चलते बीमा कंपनियों को बड़ी संख्या में क्लेम का भुगतान करना पड़ा है। वैसे, बीमा क्षेत्र के जानकार यह भी बता रहे हैं कि कोरोना काल में स्वास्थ्य बीमा को लेकर जागरूकता काफी बढ़ी हुई है जिसमें आगे और सुधार हो सकता है। इससे स्वास्थ्य बीमा की बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
पॉलिसी बाजार के एक अध्ययन के मुताबिक अप्रैल, 2020 में कंपनियों द्वारा किए गए दावा भुगतान का चार फीसद ही कोविड-19 से संबंधित था, जो अब 40 फीसद तक हो गया है। कंपनियों की तरफ से इस बारे में जानकारी तो नहीं दी गई है। लेकिन बीमा क्षेत्र की नियामक एजेंसी इरडा को इस तरह की सूचना मिली है कि कुछ बीमा कंपनियों की तरफ से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों की प्रीमियम में 50 फीसद तक का इजाफा किया गया था। इस हालात से ¨चतित इरडा ने सभी बीमा कंपनियों को चेतावनी भी दी है कि वे महज प्रीमियम बढ़ाने के लिए पुरानी पॉलिसी में बदलाव नहीं करें।
आइसीआइसीआइ लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के चीफ अंडरराइ¨टग संजय दत्ता के अनुसार कोरोना महामारी से अधिकांश व्यवसाय में भारी बदलाव आया है। हेल्थ इंश्यरोरेंस के प्रीमियम पर इसका क्या असर होगा, यह तो भविष्य में पता चलेगा। अभी अनिश्चतता की वजह से इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है।
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के हेड (रिटेल अंडरराइ¨टग) गुरदीप ¨सह बत्रा का कहना है कि कोरोना के दौर में बीमा कंपनियों को काफी ज्यादा क्लेम का भुगतान करना पड़ा है। मनीपालसिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के चीफ डिस्ट्रीब्यूशन ऑफिसर शशांक चाफेकर के मुताबिक इलाज की लागत बढ़ती जा रही है और इसमें आगे भी बढ़ोतरी होती दिख रही है। मेडिकल इनफ्लेशन (मेडिकल सेक्टर से जुड़ी सेवाओं व उत्पादों की कीमतों में वृद्धि) एक बड़ी वजह है, जिससे स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां महंगी हुई हैं। अस्पतालों में इलाज का खर्च बढ़ गया है, कोविड-19 की वजह से कंपनियों को ज्यादा क्लेम देना पड़ रहा है।
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