वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ कर रहे देश के संकटपूर्ण हालात को देखते हुए शीर्ष अदालत ने गुरुवार को केंद्र से जवाब मांगा है। मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए नेशनल प्लान की मांग की है। जिसमें संक्रमित मरीजों के लिए जरूरी दवाईयां व ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर भी जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई में मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया से संबंधित मामलों पर भी विचार किया जाएगा। इस बेंच में न्यायमूर्ति एलएन राव और एसआर भट्ट भी शामिल हैं। अदालत ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि उनके पास महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए क्या योजना है। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत में बताया कि देश में ऑक्सीजन की काफी आवश्यकता है।
अदालत ने इस मामले में हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने चार अहम मुद्दों पर केंद्र सरकार से नेशनल प्लान मांगा है। इसमें पहला- ऑक्सीजन की आपूर्ति, दूसरा- दवाओं की सप्लाई, तीसरा- वैक्सीन देने का तरीका और प्रक्रिया और चौथा- लॉकडाउन करने का अधिकार केवल राज्य सरकार को हो, अदालत को नहीं। अब मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल होगी।
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