स्पोर्ट्स पर्सन पर कोरोना हो रहा बेअसर, मौत का खतरा ढाई गुना तक कम

इस वक्त पूरा देश कोरोना की चपेट में है। कहीं आक्सीजन सिलेंडरों नहीं मिल रहे, कहीं अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे तो कहीं डॉक्टर ही नहीं मिल रहे। ऐसे में ये महामारी और भी भयावह होती जा रही है। आय दिन मौतों के बढ़ते आंकड़ों ने देश के हर नागरिक को तोड़ कर रख दिया है। ऐसे में स्पोर्ट्स पर्सन के लिए राहत की खबर मिली है। दरअसल कई स्पोर्ट्स पर्सन पर कोरोना बेअसर रहा है। साथ ही अगर किसी स्पोर्ट्स पर्सन को कोरोना हो भी जाता है तो उनकी मौत के चांसेस ढाई गुना तक कम हैं। तो चलिए जानते हैं किस शोध में ऐसी बातों का दावा किया गया है।

ढाई गुना तक कम हो जाता है मौत का खतरा

कोरोना महामारी की अब तक कोई सटीक दवा इजाद नहीं की जा सकी है। ऐसे में इस महामारी और कोरोना वायरस पर लगातार वैज्ञानिकों के शोध जारी हैं। ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन तथा दक्षिण कैलिफोर्निया स्थित कायसर पर्मानेंट फोंटाना मेडिकल सेंटर के एक ताजा अध्ययन और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी तथा कुछ अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं और चिकित्सकों ने मिल कर कोरोना वायरस पर गहन अध्ययन किया है। ताजा अध्ययन के मुताबिक लगातार कसरत या खेलों में हिस्सा लेते रहने वाले स्पोर्ट्स पर्सन इस महामारी से वैसे ही दूर रहेंगे। हालांकि अगर वे संक्रमित हो भी जाते हैं तो उनके अस्पताल में भर्ती होने, आईसीयू में रखे जाने और महामारी के कारण उनकी मौत की आशंका कम हो जाती है।

1.73 गुना तक आईसीयू में भर्ती होने की आशंका खत्म

स्टडी की मानें तो अन्य लोगों के मुकाबले नियमित व्यायाम या खेल-कूद करने वालों की महामारी से मौत की आशंका ढाई गुना तक कम हो जाती है। इसके साथ ही यदि वे संक्रमित पाए भी जाते हैं तो 1.73 गुना तक उनके आईसीयू में भर्ती होना भी असंभव है।

क्या है इस विषय पर एक्सपर्ट्स की राय

इस बारे में यदि एक्सपर्ट्स की राय पर बात करें तो स्पोर्ट्स मेडिसिन स्पेशलिस्ट और भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम के पूर्व फिजियो डॉक्टर सरनजीत सिंह के मुताबिक कसरत के दौरान पैदा होने वाले एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम की वजह से सांस से संबंधी डिस्ट्रेस सिंड्रोम का खतरा या तो खत्म हो जाता है या फिर बहुत ही कम हो जाता है। बता दें कि एआरडीएस स्वास्थ्य की उन बीमारियों में से है जो कोविड 19 से संक्रमित लोगों में पाई जाती है। इसकी वजह से ही कोविड से होने वाली मौतों की दर बहुत ज्यादा है।

एंटीऑक्सीडेंट ईसीएसओडी की मदद से बच सकते हैं फेफड़े

भारतीय खेल प्राधिकरण के रिसोर्स पर्सन रहे डॉक्टर सरनजीत सिंह ने भी इस विषय पर अपनी राय रखी है। डॉक्टर सरनजीत ने जर्नल रेडॉक्स बायोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि खेल-कूद या व्यायाम करने से उत्पन्न होने वाले एंटीऑक्सीडेंट ईसीएसओडी की मदद से एआरडीएस तथा दिल और फेफड़ों की अन्य बीमारियों से बचा जा सकता है।

ऋषभ वर्मा

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