शनि देवता न्याय के देवता कहे जाते हैं । जिस पर शनिदेव की कृपा हो जाए व्यक्ति मालामाल हो जाता है और शनि देव नहीं पहुंचाते शनिदेव को खुश रखे। ज्यादातर लोगों की यही सोचती है कि हमेशा कष्ट ही पहुंचाते हैं लेकिन यह धारणा गलत है। शनिदेव का नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते हैं और उनके छाया से डरते हैं क्योंकि उनका मानना होता है कि अगर शनि की महादशा झेलनी पड़ सकती है।
पर शनिदेव हमेशा कर्म का फल ही देते हैं जिससे उन्हें कर्मफल देवता के नाम से भी जानते हैं शनि देव की दृष्टि जिस पर पड़ जाती है व्यक्ति मालामाल हो जाता है किसी व्यक्ति को कभी भी दुख का सामना नहीं करना पड़ता और वह हमेशा सफलता की सीढियां चढ़ता रहता है। साथ ही प्रतिष्ठा भी बढ़ती है।
कुंडली में शनि की है अच्छी स्थिति
अगर किसी जातक की कुंडली में शनि देव की स्थिति अच्छी है तो उस व्यक्ति को शनिदेव की कृपा हमेशा प्राप्त होती रहती हैं और हमेशा वह सफलता प्राप्त करता रहता है। सनी के शुभ योग के चलते गरीब व्यक्ति भी धनवान और समृद्धिशाली बन जाता है।
शश योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में शनि पहले चौथे और सातवें घर में उपस्थित है और अपनी राशि मकर राशि कुंभ राशि में स्थापित है और जातक की कुंडली में पंच महापुरुष योग में शामिल यह एक शुभ योग बनाता है। इस योग को शश योग कहा जाता है और यह एक राजयोग है। अगर शनिदेव कुंडली में तुला राशि में बैठे हैं तो भी यह शुभ फल ही देगा इसका कारण यह है कि शनि इस राशि में उच्च स्थान पर बैठा हुआ है।
आपको बता दें कि मेष वृषभ कर्क सिंगर तुला वृश्चिक मकर व कुंभ लग्न में जिन जातकों का जन्म होता है उनकी कुंडली में इस तरह के योग बनने की संभावना बनी रहती है। अगर जातकों की कुंडली में शनि का इस तरह का योग नहीं बन रहा है तो कोई बात नहीं। आपका जन्म तुला वृश्चिक लग्न हुआ है और शनि कुंडली में मजबूत स्थान पर विराजित है तो भी आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
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