आज यानी 3 जून को दुनिया में वर्ल्ड बाइसिकल-डे मनाया जा रहा है। इसका मकसद लोगों को साइकिलिंग के फायदों के बारे में समझाना है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO)की मानें तो बढ़िया सेहत पाने के लिए वॉकिंग और साइक्लिंग एक सबसे बढ़िया माध्यम है। तो आइये इस दिन की महत्ता सहित जानते हैं सभी जरूरी जानकारी।
2018 में घोषित हुआ था ये दिन
संयुक्त राष्ट्र ने साल 2018 में इस दिन को घोषित क्या था। माना जाता है कि सबसे पहले जर्मनी में 18वीं शताब्दी में इसका अविष्कार हुआ था। बाइसाइकिल को पुराने जमाने से ही यातायात का एक बेहद सस्ता और सुविधाजनक साधन माना जाता रहा है। इसका उपयोग सेहत के साथ-साथ पर्यावरण के भी उचित माना जाता है।
प्रोफेशनल कामों में हेल्थ टूल की तरह होती है इस्तेमाल
बता दें कि वर्ष 1860 में कई फ्रेंच क्रिएटर ने मिलकर साइकिल का एक नया वर्जन तैयार किया, जो पहले वाले से भी ज्यादा फेमस हुआ। आज दुनिया में अलग-अलग प्रकार और डिजाइन के बाइसाइकिल है। आज लोग इस प्रोफेशनल कामों में हेल्थ टूल की तरह भी उपयोग करते हैं। सबसे पहले दुनियाभर के देशों के बाइसइक्लिस ने मिलकर इस दिन को मनाया। इसके बाद यूएन ने इस पर संज्ञान लेते हुए इसे वर्ल्ड बाइसाइकिल डे घोषित कर दिया।
यह दिन हमारे समाज में साइक्लिंग के कल्चर को प्रमोट करता है। इस दिन कई साइक्लिस्ट सड़कों पर साइकिल चलाते हुए नजर आते हैं। इतना नही नहीं कई लोग सोशल मीडिया पर इस दिन अपनी वीडियो अपलोड करते रहते हैं। बता दें कि नियमित साइकिल चलाने से मांसपेशियों की ताकत और लचीलेपन में वृद्धि होने के साथ-साथ
तनाव को कम करने में भी सहायता मिलती है। इतना ही नहीं हृदय की फिटनेस में वृद्धि, शरीर में वसा के स्तर में कमी सहित कई बीमारियों की रोकथाम में साइकलिंग बेस्ट माना गया है।