सनातन धर्म के मुताबिक हिंदू वर्ष के हर महीने का अपना अलग महत्व होता है क्योंकि हर महा हिंदू धर्म के अनुसार किसी न किसी देवी या देवता से संबंध रखता है। इसलिए जरूरी है कि हम हर महीने में पढ़ने वाले पर्वों का विशेष तौर पर ध्यान दें और नियमों से जुड़ी जो बातें हैं उनका पालन करें।
इसी के साथ ही जेस्ट के महीने में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसका भी ध्यान रखना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि हमें इस महीने में जो चीज नहीं खानी चाहिए हम चीज खाते हैं इसका दुष्प्रभाव हमारे साथ होना शुरू हो जाता है।
इस महीने का दिन होता है बड़ा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जेस्ट महीने का प्रत्येक दिन बड़ा होता है जिसके चलते सूर्य के अधिक ताप से गर्मी अपने चरम सीमा पर होती है। तो वहीं अगर स्वास्थ्य के नजरिए से बात की जाए तो पाचन तंत्र से संबंधित कमजोरी भी आ जाती है इसलिए हर किसी को इस महीने में लाल मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए।
सूर्य का ताप उच्च स्तर पर
जस्ट के महीने में सूर्य का ताप उच्च स्तर पर पहुंच जाता है जिसके चलते हमें अपने खान-पान पर विशेष तौर पर ध्यान रखने की जरूरत होती है। गलत महीने में गलत खाना अगर हम खाते हैं तो हमारे शरीर को हजम नहीं होता है इसके साथ ही साथ हमारे सोचने और विचारने की क्षमता पर भी इसका सीधा असर होता है।
लाल मिर्च खाने से बचें
इस महीने में जातकों को लाल मिर्च खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि लाल मिर्च खाने से उत्तेजना उत्पन्न होती है जिससे गर्मी का आभास ज्यादा होता है और व्यक्ति के शरीर को प्रभावित करता है । कहा जाता है कि लाल मिर्च की जगह अगर हरी मिर्च का सेवन किया जाए तो फायदेमंद होता है। वही एक तपते हुए महीने में अगर बेल का जूस पिया जाए तो बहुत शुभ माना जाता है।
मसाले युक्त भोजन का करें परहेज
गर्मी के महीने में मसाले युक्त भोजन का परहेज करना चाहिए। जो भी जातक मसाले युक्त भोजन का इस्तेमाल करते हैं उनके पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं इसके साथ ही शरीर में अधिक ऊष्मा बढ़ने से चक्कर आने या घबराहट होने जैसी समस्याएं होने लगती है इसलिए जितना हो सके हल्का भोजन करें और ठंडा पेय पदार्थ का प्रयोग करें।
ज्योतिष विशेषज्ञ कहते हैं कि जेष्ठ मास में दिन का पहला आहार या भोजन अधिक शीघ्र लेना सही है और जितना हो सके रसेदार फलों का सेवन करना लाभकारी है।