कामगारों के लिए एक न्यूनतम मजदूरी तय करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर एक समिति का गठन कर दिया गया है। प्रोफेसर अजीत मिश्रा के नेतृत्व में यह विशेषज्ञ समूह तय करेगा कि देश में एक न्यूनतम मजदूरी का स्वरूप कैसा होना चाहिए।
श्रम मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया कि मंत्रालय की ओर से आदेश जारी किया गया है और न्यूनतम मजदूरी व राष्ट्रीय स्तर पर इसके निर्धारण के लिए तकनीकी जानकारी और सिफारिश के लिए एक विशेषज्ञ समूह बनाया गया है। बता दें कि देश में विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी काफी अलग-अलग है। जिससे असमानता है।
क्यों है जरूरी
देश के सभी श्रेणियों के श्रमिकों पर लागू होने वाले वेतन ही एक समान वेतन माना जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी को तय किए जाने का मतलब भी एक ऐसे वेतन से है, जो पूरे देश में सभी श्रेणियों के श्रमिकों पर लागू होता है। विशेषज्ञ समिति को तीन साल के समय के लिए बनाया गया है। यह अधिसूचना जारी होने के बाद से लागू होगा। यह समिति मजदूरी दरों को तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अच्छी प्रथाओं को देखेगा और मेहनतानान तय करने के लिए एक वैज्ञानिक मानदंड भी बनाएगा। विशेषज्ञ समूह की अध्यक्षता इंस्टीट्यूट आॅफ इकोनॉमिक ग्रोथ के निदेशक प्रोफेसर अजीत मिश्रा करेंगे। विशेषज्ञ समूह के सदस्यों में आइआइएम कलकत्ता की प्रोफेसर तारिका चक्रवर्ती, सीनियर फेलो, नेशनल काउंसिल आॅफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च अनुश्री सिन्हा, संयुक्त सचिव विभा भल्ला, महानिदेशक, वीवी गिरी नेशनल लेबर इंस्टीट्यूटएच श्रीनिवास शामिल हैं। वरिष्ठ श्रम एवं रोजगार सलाहकार (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय) डीपीएस नेगी सदस्य सचिव हैं।
मुकेश अंबानी ने नहीं लिया वेतन
भारत के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस समूह के मालिक मुकेश अंबानी ने 31 मार्च को समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर में अपनी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से कोई सैलरी नहीं लिया। उन्होंने कोरोना महामारी के कारण व्यापार और अर्थव्यवस्था में आई गिरावट और नुकसान के चलते उन्होंने अपनी इच्छा से अपना मेहनताना छोड़ दिया। रिलायंस की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि फाइनेंशियल इयर 2020-21 के लिए अंबानी का मेहनताना शून्य था। उन्होंने इससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी से 15 करोड़ रुपये का वेतन प्राप्त किया, जो पिछले 15 वर्षों से इसी स्तर पर बना हुआ था। अंबानी के चचेरे भाई निखिल और हिताल मेसवानी का वेतन 24 करोड़ रुपये पर बना रहा। हालांकि इसमें 17.28 करोड़ रुपये का कमीशन शामिल है जो इस बार का है। हालांकि कंपनी के एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर पी एम एस प्रसाद और पवन कुमार कपिल के वेतन में बढ़ोतरी हुई। प्रसाद को 2020-21 में पिछले साल 11.15 जबकि इस साल 11.99 करोड़ रुपये मिले। कपिल का वेतन 4.04 करोड़ रुपये से 4.24 करोड़ रुपये हुआ। कंपनी के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक अंबानी की पत्नी नीता को हर मीटिंग में शामिल होने के लिए आठ लाख रुपये और 1.65 करोड़ रुपये का कमीशन मिला। सभी स्वतंत्र निदेशकों को 1.65 करोड़ रुपये का कमीशन और 36 लाख रुपये तक मीटिंग चार्ज दिया गया।
-GB Singh