कोरोनाकाल में अचानक से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। आर्थिक मुश्किलें तो बढ़ी ही साथ में सेविंग भी खत्म होने लगी और ऊपर से बीमारी की चिंता ने सताया सो अलग। जिनके पास स्वास्थ्य बीमा था उनके लिए चीजें थोड़ी आसान थीं। मसलन, लोगों को अतिरिक्त पैसे के इंतजाम करने की चिंता से मुक्ति मिली। इसलिए कोरोनाकाल में स्वास्थ्य बीमा कराने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। अच्छी कंपनी की हेल्थ केयर पॉलिसी लेने में लोग पीछे नहीं है। लोग अपना रिस्क कवर बढ़ा रहे हैं और नए सिरे से पॉलिसी को शुरू भी कर रहे हैं। तो आइए नजर डालते हैं इस पर।
कोरोना काल ने बढ़ाई चिंता
कोरोनाकाल ने लोगों की चिंता परिवार के प्रति ज्यादा बढ़ाई है। लोगों में जागरूकता आई है और वे इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले अभिजीत दास बताते हैं कि कंपनी की ओर से उनका और उनकी पत्नी व बच्चों का हेल्थ बीमा था लेकिन वह काफी नहीं था, इसलिए उन्होंने अपनी ओर से भी एक बीमा कराया ताकि अगर किसी तरह की दिक्कत हो तो उससे कुछ सहायता मिल सके। मीडिया सेक्टर में काम करने वाले सूरज शर्मा बताते हैं कि उन्होंने कुछ समय पहले अपनी स्वास्थ्य पॉलिसी बंद कर दी थी क्योंकि यह बेवजह मालूम पड़ रही थी। लेकिन अभी अपनी बीमा पॉलिसी को नए सिरे से शुरू करने के साथ ही उसका कवर भी बढ़ाया है।
उम्मीद से ज्यादा बढ़ोतरी
बीमा कंपनी से जुड़े ऋतु बताते हैं कि कोरोना महामारी के चलते लोगों को काफी डर सताने लगा। लोगों के परिवारों का बजट प्रभावित हुआ और बीमारी की चिंता की वजह से भी लोग परेशान रहे। कई परिवार तो ऐसे रहे जिनकी पॉलिसी बंद हो गई थी तो उन्होंने इलाज के लिए कर्ज लिया या अपनी सेविंग तोड़ी। वहीं कई परिवारों को अच्छा खासा फायदा स्वास्थ्य बीमा से हुआ। ऋतु बताते हैं कि महंगे इलाज में स्वास्थ्य बीमा एक बड़ा सहारा लोगों को नजर आया, इसलिए कोरोना काल में इस सेक्टर में उम्मीद से ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है। ऋतु कहते हैं कि पिछले दिनों एक रिपोर्ट में यह बढ़ोतरी 200 से 300 फीसद बताई गई है।
रिकार्ड संख्या में लोगों ने कराया बीमा
एक बाजार आधारित वेबसाइट के मुताबिक इस साल स्वास्थ्य बीमा लेने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। यह एक रिकॉर्ड के बराबर है। रिपोर्ट के मुताबिक पहले से बीमा के अंतर्गत कवर उपभोक्ताओं ने 35 फीसद से ज्यादा लोगों ने अपना बीमा कवर बढ़ाया है। इसके पीछे कई कारण हैं। दूसरे पॉलिसी को बदलवाने में करीब 80 फीसद से ज्यादा ग्राहक रहे। ये पांच लाख या इससे कम की बीमा श्रेणियों में थे। लेकिन अब 50 लाख से एक करोड़ रुपए तक बीमा करने की मांग देखी गई है। लोग इसे हाथों हाथ ले रहे हैं।
लेकिन कई ने छोड़ा बीमा
इस महामारी के दौर में जो संकट आया उससे सभी वाकिफ हैं। लोगों को मुश्किल आर्थिक हालात का सामना करना पड़ा। कई बिजनेस ठप हुए और नौकरियां भी गईं। इस वजह से कई लोगों ने अपने बीमा पॉलिसी को बंद भी करवाया है। इसे हम इस तरह से समझ सकते हैं कि बीमा को रिन्यू कराने वालों में 20 फीसद से अधिक लोग सामने नहीं आए जिससे उनकी पाॉलिसी बंद होने की कगार पर आ गई। इसमें परिवारिक बीमा वाले करीब 85 और व्यक्तिगत पॉलिसी धारक करीब 70 फीसद लोगों ने ही अपनी पॉलिसी को रिन्यू कराया बाकि ने छोड़ दिया। लेकिन इससे इतर देखा जाए तो स्वास्थ्य बीमा को लेकर गंभीरता बढ़ी है।
GB Singh