कोरोना वायरस ने सभी लोगों को करीब–करीब दो साल पीछे कर दिया है. कोविड महामारी के चलते सरकार ने सभी जगह लॉकडाउन लगा दिया है. जो कुछ चीजों में पिछले साल से अभी तक वैसे का वैसा ही चल रहा है. वैसे अभी न्यू नार्मल वाली सिचुएशन में कई ऑफिस और जरुरत की चीजों का बाजार खुलने लगा है.
लेकिन बच्चों का स्कूल कॉलेज अभी भी बंद हैं. बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को नहीं खोला गया है.
अब बच्चे काफी समय से ऑनलाइन ही क्लासेस कर रहें हैं. और घर में अपनी उपलब्धता के अनुसार मम्मी पापा के मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप से पढाई कर रहे हैं. वैसे इस टेक्नोलॉजी ने पढाई के लिए नया रास्ता खोल दिया है. वैसे– जहां एक और ऑनलाइन क्लासेस के फायदे हैं तो दूसरी ओर नुकसान भी. आइए जाने आपके बच्चे को इसका फायदा मिल रहा है या फिर उसको नुकसान झेलना पड़ रहा है–
आप इन फायदे और नुकसान जान कर अंदाजा लगा सकते हैं. की आपके बच्चे को कितना फायदा/नुकसान मिल रहा है. इन चीजों के बारे में अमन करें और अपने बच्चे को मोनिटर करें.
ऑनलाइन क्लास के फायदे
समय की बचत– इन क्लासेज के कारण बच्चों का ट्रेवलिंग का समय बच रहा है. कई बच्चे पढ़ने के लिए अपने घरों से बहुत दूर स्कूल जाते हैं, जिससे वो धक जाते है. ट्रेवल में गवाएं समय की वजह से वो कोई एक्स्ट्रा कर्रिकुलम या एक्स्ट्रा एक्टिविटी न हीं कर पाते हैं. लेकिन ऑनलाइन क्लासेस से अब उनके पास इतना समय होता है कि वो अपनी रूची की चीजों में ध्यान लगा सके, जैसे– म्यूजिक, डांस, पेंटिग इत्यादी.
सुविधाजनक है– ऑनलाइन क्लासेस काफी सुविधाजनक है और इससे ज्यादा सुविधाजनक कोई और माध्यम हो भी नहीं सकता. इसके माध्यम से बच्चे घर बैठे, बिना स्कूल जाए पढ़ सकते हैं. जहां चाहें वहां बैठकर पढ़ सकते हैं. इस से बच्चों को गर्मियों के मौसम में काफी आराम मिल रहा है जिससे वो अपनी एनर्जी अच्छे से यूज़ कर सकते हैं.
गैजेट से वाकिफ होना– बच्चे वीडियो चैट से क्लास कर रहे हैं, जिससे वो तकनीकि तौर पर निपुर्ण हो रहे हैं. यही वजह है कि आज की तारिख में तकरीबन सभी बच्चों को गैजेट की अच्छी खासी जानकारी है. उनमें ऑलाइन से जुड़ी नई–नई चीजें जानने की ललक बढ़ रही है. ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों ने तकनीक के इस्तेमाल का नया तरीका सीखा है. वहीं, ऑनलाइन क्लासेस से टीचरों ने भी पढ़ाने का नया तरीका सीखा है और बच्चों को पढ़ाने और पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ाने के नए रास्ते ढूंढें हैं.
पैसों की बचत– ऑलाइन क्लास से पेरेंट्स के जेब का बोझ थोड़ा कम हुआ है. ट्रेवलिंग में खर्च होने वाले पैसों की बचत हो रही है. इस तरह से पेरेंट्स अब अपने बच्चों के लिए ऑलाइन कोसेर्स के बारे में भी सोच रहे हैं. अब वो अपने बच्चों को मंहगे कोचिंग सेंटर नहीं भेजना चाहते. कई राज्य सरकारें भी इस पर विचार कर रही हैं.
दायरे में बढ़ोत्तरी– अब बच्चों और पेरेंट्स को समझ आ रहा है कि सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं बल्कि दूसरे एक्टिविटीस के लिए भी इंटरनेट का सहारा लिया जा सकता है, जैसे– म्यूजिक, डांस, पेंटिग इत्यादी. वहीं, अभिभावकों के सामने ही चल रही क्लासेस से वो भी टीचरों और बच्चों का आसानी से आकलन कर पा रहे हैं.
अब जानते हैं ऑनलाइन क्लास के नुकसान
परिवेश ना मिलना– जिस तरह का परिवेश हमें स्कूल, कॉलेज या कोचिंग सेंटर पर मिलता है, जहां हम दूसरों के सम्पर्क में रहते हुए कुछ सीखते हैं, और हमें गहरे तौर पर प्रभावित करते हुए कुछ सिखाता है, वैसा परिवेश हमें ऑनलाइन में नहीं मिलता. ऑनलाइन क्लासेस में हम अकेले ही होते हैं और किसी से कोई सीधा सम्पर्क नहीं होता, जिससे हम जल्द ही बोर हो जाते हैं. इसलिए लर्निंग एन्विरोमेंन्ट की कमी के कारण हम ज्यादा कुछ हासिल नहीं कर पाते. ऑनलाइन क्लासेस में स्कूल का माहौल न होने से बच्चों का पढ़ाई में में मन भी कम लगता है.
भटकने का डर– बच्चों के हाथों में मोबाईल होने से वो इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जैसे गेम खेलना, ऑनलाइन दूसरी ऐसी जानकारियों को जानना जिसकी कभी उनको आवश्यता नहीं है. इसलिए पेरेंट्स के लिए जरूरी है की वो अपने बच्चे को मोबाईल देने के बाद भूल ना जाए, बल्कि बीच–बीच में उसे चेक करते रहें. ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों की आंखों और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.
ऑनलाइन क्लासेस के बीच में ही नेटवर्क संबंधी समस्याओं से बच्चों को परेशानी होती है. साथ ही, ऑनलाइन क्लास में साइंस और सोशल साइंस के प्रैक्टिकल नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, टिचर के साथ छात्रों का समन्वय नहीं बन पा रहा है.
स्कूलों ने भी ये माना कि लॉकडाउन के दौरान पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए ऑनलाइन क्लासेस जरिया बनीं. वहीं, ऑनलाइन क्लासेस की वजह से बच्चों में पढ़ाई करने की आदत नहीं छूटी. इसलिए स्कूल भविष्य में ऑनलाइन लर्निंग पढ़ाई से संबंधित कई और प्रयोग करने की तैयारी है.
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