नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने तमिलनाडु में संबंधित अधिकारियों को पटाखा कारखाने से संबंधित दुर्घटनाओं के संबंध में आकस्मिक, व्यावसायिक और पर्यावरणीय खतरों की संभावना के संबंध में अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस तरह का अध्ययन तमिलनाडु राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के समन्वय में औद्योगिक सुरक्षा निदेशक द्वारा तीन महीने के भीतर हो और आगे की कार्रवाई के लिए तमिलनाडु के मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपे। एनजीटी ने कहा कि इसके लिए समिति किसी अन्य विशेषज्ञ या व्यक्ति की सहायता ले सकती है।
बता दें कि एनजीटी ने यह निर्णय विरुधुनगर पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में घटना के कारण का पता लगाने, क्षति की सीमा और आवश्यक उपचारात्मक उपायों का पता लगाने के लिए आठ सदस्यीय समिति द्वारा दायर एक रिपोर्ट का अवलोकन करने के लिया है। एनजीटी ने कहा कि इस मामले की हाई लेवल पर समीक्षा की जरूरत है ताकी उस हिसाब से कार्रवाई की जा सके।
एनजीटी फरवरी में विरुधुनगर पटाखा फैक्ट्री विस्फोट की घटना से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें कम से कम 19 लोग मारे गए थे और 30 घायल हो गए थे। इस दौरान एनजीटी ने कहा कि आकस्मिक, व्यावसायिक और पर्यावरणीय खतरों की संभावना के संबंध में समीक्षा करने की जरूरत है।