जानवरों में किए गए शोध बताते हैं कि इस तरह के भोजन बेहद खतरनाक होते हैं। फूड स्टैंडर्ड एजेंसी (एफएसए) के मुताबिक आलू, ब्रेड, चिप्स या चीनी की मात्रा वाले खाद्य पदार्थों को बहुत देर तक तलने, ग्रिलिंग करने, बेक करने या रोस्ट करने से ‘एक्रिलेमाइड’ नाम का एक रसायन पैदा होता है। यह रसायन इन पदार्थों को 120 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर गर्म करने पर पैदा होता है और भोजन को भूरा व क्रिस्पी बना देता है। इसके लिए अभियान चलाकर कैंसर का खतरा रोकने की कोशिश की जा रही हैं। यह खतरनाक रसायन बिस्कुट, केक, कॉफी तथा पिज्जा बेस में भी पाया जाता है।
यह ‘एक्रिलेमाइड’ रसायन कई तरह के खाने में मौजूद रहता है और खाना बनाते समय स्वाभाविक रूप से पैदा होता है। अक्सर यह ऐसे भोजन में अधिक मात्रा में पाया जाता है जिनमें शर्करा (शुगर) अधिक होती है। एफएसए ने सलाह दी है कि खाना बनाने से जुड़े निर्देशों का सावधानी से पालन करें और खाने को भूरा होने तक भूनने, तलने या पकाने से बचें। यद्यपि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि इस तरह का भोजन इंसानों पर भी उतना ही खतरनाक है जितना जानवरों पर, लेकिन कैंसर शोध से जुड़े अध्ययनकर्ता मानते हैं कि इंसानों को भी सावधानी बरतने में कोई बुराई नहीं है।
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