21 वीं सदी में महिलाओं और पुरुषों के बीच का अंतर काफी कम होता जा रहा है। यही अंतर हमे क्रिकेट में देखने को मिल रहा है। भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज और उनकी कंपनी को 7 साल के अंतराल के बाद टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिल रहा है। अब पुरुषों की टीमों की तरह ही महिलाओं की भी क्रिकेट लीग्स होना शुरू हो चुकी हैं।
ऑस्ट्रेलिया में होने वाली बिग बैश लीग पुरुष और महिला दोनों ही केटेगरी में खेली जा रही है। वहीं आने वाले कुछ वक़्त में हमे महिलाओं के लिए भी आईपीएल जैसे टूर्नामेंट का आगाज भारत में देखने को मिले तो इसमें आश्चर्य चकित होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। हालांकि महिला टीमों और पुरुष टीमों के नियम में काफी बदलाव होता है। तो चलिए हम एक नज़र डालते हैं की महिलाओं के टेस्ट क्रिकेट मैच के नियम पुरुषों के टेस्ट मैच के नियम से कितने अलग हैं।
5 दिन नहीं चलता टेस्ट मैच
ये तो लगभग हर क्रिकेट फैंस को पता ही होगा की टेस्ट मैच 5 दिन तक चलने वाला फॉर्मैट होता है पर ये नियम सिर्फ पुरुष टीम के ऊपर ही लागू होता है। बहुत कम ही लोग ये बात जानते होंगे की महिलाओं का होने वाला टेस्ट मैच पुरुषों के टेस्ट मैच से 1 दिन कम यानि कि 4 दिन ही खेला जाता है। महिलाओं के टेस्ट मैच के लिए सिर्फ 4 दिन का ही खेल होता है। यदि रिजल्ट इन 4 दिनों के अंदर नहीं निकलता तो मैच ड्रा घोषित कर दिया जाता है।
एक दिन में डाले जाते हैं इतने ओवर
अगर पुरुषों के टेस्ट मैचों की बात की जाए तो अगर बिना बारिश या रौशनी की दिक़्क़त हुए पुरे दिन का खेल नार्मल ढंग से खेला जाए तो टीम को एक दिन में अधिकतम 90 ओवर्स ही करा सकती हैं। आपको बता दें ये नियम महिलाओं के खेल में लागू नहीं होता है। कयोंकि महिलाओं का टेस्ट क्रिकेट 4 दिन चलता है जिस वजह से दिन में 100 ओवर्स कराने का नियम है। यानि की 4 दिन के खेल में अधिकतम 400 ओवर का ही खेल खेला जाता है।
फॉलो ऑन देने के लिए 150 रन की लीड जरुरी
जब कभी पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम पहली पारी में ज्यादा रनों की लीड ले लेती है तो उस टीम के पास ऑप्शन होता है की वो विपक्षी टीम को फॉलो ऑन खिलाए या ना खिलाए। इसके लिए पुरुषों के क्रिकेट मैच में एक टीम के पास यदि 200 या उससे अधिक की लीड होने पर ही विपक्षी टीम को फॉलो ऑन देने का ऑप्शन मिलता है। जबकि महिलाओं के टेस्ट मैच में निर्धारित जरूरी लीड 150 रन होना जरुरी है।
ऋषभ वर्मा