टोक्यो में होने वाले इस बार के ओलंपिक में भारत को अपने प्लेयर्स से काफी उम्मीदें होंगी। बता दें कि ये ओलंपिक का 32 वां संस्करण है। भारत के 125 एथलीट ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। देश नीरज चोपड़ा ,दीपिका कुमारी , पीवी सिंधु ,मैरी कॉम और अमित पंघल से इस बार ओलपिंक में मेडल जीतने की दुआएं करने में लग गया है। ओलंपिक के इस खास मौके पर हम समय-समय पर भारत के ओलंपिक हीरोज की कहांनिया आप तक लाते रहते हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको ऐसे वीर सपूत के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने शरहद पर देश का गौरव बढ़ाने के साथ ओलंपिक खेलों में भी देश का नाम रौशन किया है। तो चलिए जानते हैं इस वीर सपूत के बारे में
सूबेदार विजय कुमार ने बिखेरी थी चमक
बता दें कि साल 2012 का लंदन ओलंपिक मेडल के लिहाज से अब तक का सबसे सफल संस्करण साबित हुआ था। भारत ने इस साल के ओलंपिक में 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज़ मेडल के साथ कुल 6 पदक अपने नाम किये थे। इनमे से एक सिल्वर मेडल भारतीय फ़ौज में सूबेदार की पोस्ट पर तैनात विजय कुमार ने 25 मीटर रैपिड फायर इवेंट में जीता था। बता दें कि हिमांचल के रहने वाले विजय कुमार ने साल 2001 में सिपाही के तौर पर फ़ौज में भर्ती ली थी. तब शायद उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था की वो एक दिन देश के लिए ओलंपिक खेलों में मेडल ले आएंगे।
ऐसा था इनका आर्मी करियर
एक सिपाही के रूप में फ़ौज में शामिल होने वाले विजय कुमार 16 वीं डोंगरा रेजिमेंट का हिस्सा थे। बता दें कि निशानेबाजी के सारे गुण उन्होंने आर्मी में भर्ती होने के बाद ही सीखे थे। निशानेबाजी में अच्छा प्रदर्शन करने के कारण ही दो साल बाद मध्यप्रदेश की मार्क्समैन यूनिट ज्वाइन करने के लिए उनका बुलावा आ गया था। इस यूनिट में केवल बेहतरीन निशानेबाजों को ही शामिल किया जाता है।
ऐसा रहा शूटिंग करियर
आर्मी में अपना पूरा ध्यान निशानेबाजी में फोकस करने के बाद विजय कुमार ने अंतरराष्ट्रीय लेवल पर भी अपना परचम फैराना शुरू कर दिया था। अपने सफल शूटिंग करियर की वजह से ही उन्हें सिपाही से प्रमोट करके सूबेदार पद पर पदोन्नत किया गया था। बता दें कि विजय कुमार ने कामनवेल्थ गेम्स में 5 गोल्ड मेडल भी जीते हैं।
ऐसे लगाया था सिल्वर पर निशाना
लंदन ओलंपिक के 25 मीटर रैपिड फायर इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में विजय चौथे नंबर पर रहे थे। लेकिन फाइनल मुकाबले में विजय ने बेहतरी
न प्रदर्शन कर 40 में से 30 अंक हासिल करके दूसरे स्थान पर आ गए थे। हालांकि 4 अंक के अंतर से वो गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए थे।
|
|
ऋषभ वर्मा