Monsoon Session of Bihar Legislative: बिहार में विधान मंडल का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू हो जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला हो चुका है। यह बैठक शुक्रवार को हुई थी। मानसून सत्र के ऐलान के साथ ही बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद दोनों जगह इसकी तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। राजनीतिक दल भी अखाड़े में उतरने के लिए तैयारी में जुट गए हैं। विधानमंडल का यह सत्र भी काफी हंगामेदार रहने की संभावना है। सत्ता पक्ष का जोर अपने विधायकों को जवाबी हमला करने और मंत्रियों को अपने महकमे से संबंधित पूरी जानकारी और तैयारी रखने पर है।
पिछले सत्र में ये सब हो चुका है
विधानमंडल का पिछला सत्र काफी हंगामेदार रहा था। सत्र के दौरान इतिहास बन गया। हंगामा इतना बढ़ा कि विधानसभा में पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस वालों ने विधायकों को उठा कर और घसीट कर सदन से बाहर कर दिया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानसभा अध्यक्ष के आसन तक जा पहुंचे थे, हालांकि उन्होंने कहा था कि वे हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराने आसन तक गए थे। राजद के कई नेता तब आसन तक पहुंच गए थे।
इन मुद्दों पर विपक्ष घेरेगा सरकार को
इस बार मानसून सत्र कोरोना संक्रमण को देखते हुए केवल पांच दिनों का ही होगा। इस बेहद संक्षिप्त सत्र में केवल पांच बैठकों की योजना है। इस दौरान राज्य में कोरोना काल के दौरान चिकित्सा व्यवस्था, तीसरी लहर को लेकर तैयारी, युवाओं को रोजगार जैसे मसले विपक्ष प्रमुख तौर पर उठा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष के लिए बड़ी चुनौती
पिछली बार विधानसभा में कई बार अप्रिय माहौल पैदा हुआ। विधानसभा अध्यक्ष को विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के आरोप भी झेलने पड़े। दोनों खेमों में तालमेल बनाकर सदन चलाने में इस बार भी विधानसभा अध्यक्ष को काफी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल सत्ता पक्ष और विपक्ष में राजनीतिक बयानबाजी का दौर खूब तेज है। इसे सामान्य करने की कोशिश की जा सकती है।