रामनगर के गुदगुदी पंचायत स्थित सेवरही बरवा गांव में वीटीआर से निकले बाघ के हमले में युवक की मौत के बाद आसपास के कई गांवों में खौंफ का माहौल है। शुक्रवार की रात्रि अधिकांश गांवों में लोगों ने रतजगा किया। शनिवार को भी कोई व्यक्ति बाघ के भय से सरेह की ओर नहीं गया। शाम में बाघ को भगाने के लिए पटाखें और तेज आवाज का सहारा लिया गया। लेकिन, प्रयास नाकाफी साबित हुए। दूसरी ओर, चिउंटहा वन कार्यालय के 40 सदस्यों के रेस्क्यू दल शुक्रवार की पूरी रात घटना स्थल के समीप ट्रैकिंग की कोशिश की। वनकर्मियों की पहल पर अधिकांश गांवों में लोगों ने अलाव जलाकर खुद की सुरक्षा की व्यवस्था की। टीम की मॉनिटरिंग के लिए वाल्मीकि ब्याघ्र आरक्ष्य डिवीजन दो के डीएफओ नीरज नारायण भी शनिवार को उक्त गांव पहुंचे तथा घटनास्थल का जायजा लिया। मौके पर मौजूद वनकर्मियों से उन्होंने बाघ की ताजा गतिविधियों की जानकारी ली।
जंगल के बाहरी हिस्से में बाघ की ताजा गतिविधि
चिउंटहा वन प्रक्षेत्र के वन पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि ट्रैकिंग में जुटे वनकर्मियों ने बाघ की ताजा गतिविधि को ट्रेस करने में सफलता हासिल की है। बाघ अभी सेवरही बरवा गांव के समीप के जंगल में छिपा है। उसके बाद मसान नदी स्थित है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि फिलहाल अकेले सरेह की ओर न जाएं।
पोस्टमार्टम के बाद युवक का अंतिम संस्कार
मुखिया नसीम अख्तर ने बताया कि मृतक बंका मांझी का शव पोस्टमार्टम के बाद शनिवार की सुबह उसके स्वजनों को सौंपा गया। शव को देखने फिर पूरा गांव उमड़ पड़ा। मसान नदी के किनारे मृतक को मुखाग्नि दी गई। बता दें कि वीटीआर जंगल से रिहायशी इलाके में बाहर निकल रामनगर के सेवरही बरवा गांव के समीप पहुंचे बाघ ने शुक्रवार को 28 साल के युवक पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। उसका शव गन्ने के खेत से बरामद किया गया।