बैंकों में पहचान होने का झांसा देकर ठगी करने वाले आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित ने 50 लाख रुपये लोन दिलाने के नाम पर एक लाख पचास हजार रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने आरोपित मनीष सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोपित के खिलाफ ठगी के अलावा और भी धाराएं बढ़ सकती हैं। प्रार्थी शेख आरिफ अहमद ने थाना मौदहापारा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लगभग छह माह पूर्व प्रार्थी का मनीष सिंह निवासी भाठागांव ढेबर सिटी से पहचान हुआ थी।
इसी दौरान मनीष सिंह द्वारा प्रार्थी को फेडरल बैंक से पचास लाख रुपये लोन दिलवाने की बात कही थी। मनीष सिंह ने खुद को फेडरल बैंक का एजेंट बताकर डेढ़ लाख रुपये की मांग की। जिस पर प्रार्थी ने मनीष सिंह द्वारा दिए गए बैंक खाता में पचास हजार रुपये आनलाइन ट्रांसफर किए। वहीं, एक लाख रुपये नगद मनीष सिंह को दिया। कुछ दिनों बाद मनीष सिंह द्वारा प्रार्थी को फेडरल बैंक की डीडी एवं लोन स्वीकृत का पत्र दिया गया।
जांच करने पर प्रार्थी को जानकारी हुई कि उक्त डीडी एवं लोन स्वीकृत पत्र कूटरचित एवं फर्जी है। प्रार्थी के नाम से किसी बैंक में कोई लोन स्वीकृत नहीं हुआ है। इस प्रकार प्रार्थी को लोन दिलवाने के नाम पर आरोपित मनीष सिंह ने ठगी की। आरोपित मनीष सिंह के विरुद्ध थाना मौदहापारा में अपराध धारा 420 का अपराध पंजीबद्ध किया गया। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में थाना मौदहापारा पुलिस की टीम द्वारा प्रार्थी से आरोपित के संबंध में विस्तृत पूछताछ करते हुए मनीष सिंह की पतासाजी कर आरोपित को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपी द्वारा ठगी की उक्त घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की गई। साथ ही उसने बताया कि वह किसी बैंक में काम नहीं करता है, बल्कि रिलायंस कंपनी में नौकरी करता है।
बैंक खाते की जा रही जांच
पुलिस अब आरोपित के बैंक खाते की जांच भी करेगी। पुलिस काे अंदेशा है कि आरोपित और भी लोगों से ठगी कर चुका है। वहीं, उसके स्वजनों के खाते की भी जांच पुलिस करेगी।