पेगासस जासूसी मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होने वाली है। इससे पहले विगत गुरुवार को शीर्ष अदालत ने कथित पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करते हुए कहा था कि यदि इसके बारे में मीडिया रिपोर्टें सही हैं तो जासूसी के आरोप गंभीर हैं। वहीं, कपिल सिब्बल ने मामले को गंभीर बताते हुए CJI से गुहार लगाई कि केंद्र को नोटिस भेजा जाए।
वहीं, रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को संसद में कहा कि उसने जासूसी साफ्टवेयर Pegasus के निर्माता NSO समूह के साथ किसी तरह का लेन-देन नहीं किया है। स्पाइवेयर के माध्यम से जासूसी कराए जाने के आरोपों के बाद Pegasus को लेकर इन दिनों देश में जबर्दस्त सियासी बहस छिड़ी हुई है। इससे पहले Pegasus केस में सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि अखबार में आई खबर सही है तो मामला गंभीर है, किन्तु साथ ही सवाल उठाया कि जब मामले का पता 2019 में लग गया था तो अब तक शिकायत क्यों नहीं की और अब इसे क्यों उठाया जा रहा है? अदालत ने यह भी कहा था कि अधिकतर याचिकाएं मीडिया रिपोर्ट पर आधारित हैं।
न्यायालय ने मामले को गंभीर मानते हुए विचार करने का मन तो बनाया, किन्तु याचिकाओं पर औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया। इस दौरान कोर्ट ने मामले को 10 अगस्त को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश देते हुए याचिकाकर्ताओं से कहा था कि वे याचिका की कॉपी एडवांस में केंद्र सरकार को दें, ताकि उस दिन नोटिस स्वीकार करने के लिए सरकार की तरफ से कोई मौजूद हो।
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