चीन में दपतियों को अब तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत मिल गई है। चीन ने तीन बच्चों की नीति (Three Child Policy)को मंजूरी दे दी है। चीन की राष्ट्रीय विधायिका ने शुक्रवार को दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में जन्म दर में भारी गिरावट को रोकने के उद्देश्य से एक प्रमुख नीतिगत बदलाव करते हुए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा तीन बच्चों की नीति का औपचारिक रूप से समर्थन किया गया। संशोधित जनसंख्या और परिवार नियोजन कानून, जो चीनी जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देता है नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की स्थायी समिति द्वारा पारित किया गया था।
दरअसल, चीन दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जहां जन्म दर सबसे कम है। वर्तमान समय में चीन के सामने सबसे बड़ी चुनौती काम करने वालों की लगातार कम होती आबादी है। इस कारण वहां के युवाओं पर काफ़ी दवाब है। उन पर अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने दादा-दादी और नाना-नानी का भी बोझ है। एक आकलन के अनुसार, अगले पांच साल में चीन की एक चौथाई आबादी की उम्र 65 साल से अधिक होगी, मतलब काम करने वालों की कमी और ग़रीबी की समस्या। इस कारण तीन बच्चों की नीति पर फैसला चीन ने काफी सोच-समझकर लिया है।
सरकारी चाइना डेली की रिपोर्ट के अनुसार, नया कानून कहता है कि देश परिवारों के बोझ को कम करने के लिए वित्त, कर, बीमा, शिक्षा, आवास और रोजगार सहित सहायक उपाय करेगा। इस साल मई मे सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) ने सभी जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देने के लिए अपनी सख्त दो-बच्चों की नीति में ढील दी थी। चीन ने 2016 में दशकों पुरानी एक-बाल नीति को खत्म करते हुए सभी जोड़ों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी। नीति निर्माताओं ने इसे देश में जनसांख्यिकीय संकट के लिए दोषी ठहराया था।