जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के ‘बेटी की वोट’ से तुलना किए जाने के विवादास्पद बयान के बाद बिहार की राजनीति गर्मा गई है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां शरद यादव पर जमकर निशाना साधा, वहीं सत्ताधारी जद (यू) अपने पूर्व अध्यक्ष के बचाव में उतर गई है।
जद (यू) के वरिष्ठ नेता और सांसद ने पटना में मंगलवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह में कहा कि वोट की इज्जत बेटी की इज्जत से बड़ी होती है। इस बयान का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो मामला गर्मा गया। शरद यादव ने कहा कि लोगों को यह बताना बेहद जरूरी है कि बैलट पेपर कैसे काम करता है।
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वोट की इज्जत आपकी बेटी की इज्जत से ज्यादा बड़ी होती है। उन्होंने आगे कहा कि अगर बेटी की इज्जत गई तो सिर्फ गांव और मुहल्ले की इज्जत जाएगी, लेकिन अगर वोट एक बार बिक गया, एक बार गड़बड़ हो गया, तो देश और सूबे की इज्जत चली जाएगी। सारे सपने खत्म हो जाएंगे।
इस बयान पर भाजपा ने निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे बयान लड़कियों और महिलाओं के प्रति उस पार्टी के दृष्टिकोण को दिखाता है। भाजपा के विधान पार्षद विनोद नारायण झा ने कहा कि मंगलवार को एक ओर देश के लोग जहां राष्ट्रीय बालिका दिवस मना रहे थे, किसी नेता का ऐसा बयान देना कहीं से भी सुखद नहीं है। ऐसे बयानों की जितनी निंदा की जाए कम है।
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वहीं, बता दें कि इस समारोह के दौरान शरद यादव ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हुए घोटाले की वजह पूरे देश में उसकी हालत इमरजेंसी जैसी हो गई है।
इधर, जद (यू) शरद यादव के बचाव में उतर आई है। जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष के बयान को बड़े परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भाषा की मर्यादा सभी को रखनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि शरद यादव इससे पहले भी महिलाओं पर दिए गए विवादास्पद बयानों को लेकर विवादों में घिर चुके हैं।