रिपोर्ट के अनुसार एक आईएस समर्थक ने तो ट्रंप को इस्लाम का सबसे बड़ा हितैषी तक करार दिया। कुछ लोगों ने यह भी अनुमान लगाया कि ट्रंप पश्चिम एशिया में नई लड़ाई शुरू कर सकते हैं। टेलीग्राम पर एक आईएस समर्थित चैनल के पोस्ट में कहा गया है, ‘अब बगदादी को सामने आना चाहिए और ट्रंप को बताना चाहिए कि मुस्लिमों पर लगाया गया यह बैन वास्तव में एक वरदान है’।
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पोस्ट करने वाले ने इस प्रतिबंध की तुलना इराक पर 2003 के अमेरिकी हमले से की है। हमले को उस समय के मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सौभाग्यशाली हमला करार दिया था। इस हमले ने इस्लामी देशों में पश्चिम विरोधी भावना को और भड़काया था।
अमेरिका में भी कई लोगों ने प्रतिबंध की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे आईएस के खिलाफ लड़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। सीनेटर जॉन मैक्केन ने आशंका जाहिर की है कि इससे आईएस को दुष्प्रचार फैलाने में मदद मिलेगी।