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वहीं 21 फीसदी लोगों ने मायावती को मुख्यमंत्री के रुप में पहली पसंद बताया, जबकि राजनाथ सिंह को महज 3 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री के रुप में पसंद किया। हालांकि सर्वे में अखिलेश यादव की लोकप्रियता में 2 फीसदी का गिरावट भी दिखाई गई है, लेकिन अभी वो मुख्यमंत्री पद की होड़ में अन्य नेताओं से काफी आगे हैं। आगे की स्लाइड्स में देखिए उत्तर प्रदेश में किस पार्टी को कितनी सीटें मिल रहीं हैं-
ओपिनयन पोल के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन स्पष्ट बहुमत के करीब है। प्रदेश की 403 विधानसभा सीट में से गठबंधन को 187 से 197 सीटें मिलेंगी। राज्य में भाजपा, गठबंधन को कड़ी टक्कर देती दिख रही है।
भाजपा को प्रदेश में 118 से 128 सीटें मिलने के आसार हैं। वहीं बसपा तीसरे नंबर पर खिसकती दिखाई दे रही है। बसपा को महज 76 से 86 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर संतोष करना होगा। जबकि अन्य को 5 से 9 सीट मिल सकती है
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सपा-कांग्रेस गठबंधन पर सर्वे के दौरान जब जनता से राय ली गई तो 37 फीसदी लोगों ने कहा कि सपा को इस गठबंधन से फायदा मिलेगा। वहीं करीब 43 फीसदी लोगों ने इस पर कोई राय नहीं दिया।
पोल में लोगों से यह पूछा गया कि वह प्रधानमंत्री के रूप में मोदी और मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश के काम से कितने संतुष्ट हैं जिसपर जनता ने दोनों के काम से बराबर खुश दिखी।
सर्वे में जातीय समीकरणों को भी ध्यान रखा गया है। सर्वे के मुताबिक बाजपा को प्रदेश के सवर्णों का भरपूर समर्थन प्राप्त है। जबकि यादव और मुस्लिम समुदाय अभी भी सपा के साथ दिख रहें हैं। वहीं दलित समुदाय में बसपा पार्टी का अभी भी दबदबा कायम है।
अगर यूपी के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो शहरी क्षेत्रों में भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन में जबरदस्त टक्कर है। शहरों में सपा गठबंधन को 35 प्रतिशत तो भाजपा को 35 प्रतिशत शहरियों के समर्थन मिलने की संभावना है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सपा का पलड़ा भारी पड़ता दिख रहा है।
सर्वे के मुताबिक प्रदेश की 308 ग्रामीण सीटों पर सपा गठबंधन को बढ़त हासिल है। करीब 35 प्रतिशत ग्रामीण आबादी सपा के साथ दिख रही हैं तो वहीं 27 फीसदी जनता भाजपा को अपना समर्थन देती दिख रही है।
बता दें कि सीएसडीएस-लोकनीति-एबीपी न्यूज ने 17 से 23 जनवरी के बीच यह ओपिनियन पोल किया। पोल में उत्तर प्रदेश की 65 विधानसभा क्षेत्रों के 6 हजार 481 लोगों से बात की गई।