छठ महापर्व 10 नवंबर को मनाया जाएगा, नहाय खाय से शुरू होगा

     दीपावली के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत बिहार, झारखंड के इलाकों में छठ पर्व का काफी महत्व है। यह कार्तिक मास में षष्ठी को मनाया जाता है तो इसका महत्व भी काफी होता है। त्योहार के बाद लोग काफी तैयारी करते हैं। बिहार और झारखंड में तो लोग अपने घर छठ मनाने के लिए पहुंच रहे हैं। यह कठिन व्रत माना गया है। इसमें तीन दिन का कड़ा व्रत करना होता है। इस बार यह त्योहार दस नवंबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं।

सूर्य षष्ठी भी कहते हैं इसे
कार्तिक मास में मनाए जाने वाले पर्वों में छठ पर्व भी काफी अहम माना जाता है। मान्यता है कि विधि विधान से पूजा करने से यह व्रत काफी फलदायी है। इससे दंपति सुख मिलता है और परिवार में भी सुख समृद्धि आती है। यह तीन दिन का होता है। सूर्य की पूजा होने के कारण इसे सूर्य षष्ठी भी कहते हैं। इस व्रत में उगते सूर्य और ढलते सूर्य की पूजा की जाती है। महिलाएं इस व्रत की शुरुआत नहाय खाय से करते हैं।

छठ पर्व की तिथियां और विधि
आठ नवंबर को छठ पर्व सोमवार से शुरू होगा। नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत करते हैं। नौ नवंबर को मंगलवार के दिन खरना होता है। दस नवंबर को बुधवार के दिन छठ पूजा होगी और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही 11 नवंबर को गुरुवार के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाएगा। नहाय खाय में लोगों को घर को साफ करके पूजा सामग्री एक जगह रखना होता है। लोग सात्विक आहार लेते हैं। खरना के दिन लोग रात में गुड़ की बनी खीर खाकर 36 घंटे का व्रत करते हैं और प्रसाद बनाते हैं। छठ के दिन सूर्य की पूजा होती है और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। समाप्ति के दिन 11 नवंबर को व्रत का पारण किया जाता है।

GB Singh

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