चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जैसे ही पंजाब में धमाकेदार तरीके से एंट्री मारी तो राज्य में अब हर कोई बीजेपी (BJP) के टिकट से विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से उम्मीद लगाने लगा है. किसान आंदोलन के चरम पर बीजेपी (BJP) के साथ अपना नाम जोड़ने से बचने वाले भी अब अपने आपको पार्टी का वफादार सिपाही बताने में लगे हैं.
कृषि कानून वापस लेने से पलटेगी बाजी?
आपको बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान जब पंजाब में भारतीय जनता पार्टी का विरोध चरम पर था, उस वक्त हर शख्स पार्टी के साथ जुड़ने से बच रहा था ताकि उन्हें किसानों का विरोध नहीं झेलना पड़े. लेकिन वक्त ने ऐसी बाजी मारी कि जैसे ही पीएम ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की तो बीजेपी के नाम से छुपने वाले उनकी ही पार्टी के लोग अब टिकट मांग रहे हैं.
BJP का टिकट पाने के लिए मिले कितने आवेदन?
यही वजह है कि इस बार पंजाब की 117 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए 4,028 लोगों ने बीजेपी को आवेदन दिया है और अपने आपको प्रबल उम्मीदवार साबित करने की कोशिशों में लगे हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी को 117 विधान सभा सीटों के लिए केवल 1620 लोगों ने आवदेन दिए हैं. बीजेपी अभी तक इस मामले में सबसे ऊपर है. अब तक बीजेपी और पंजाब के इतिहास में किसी भी पार्टी को इतने आवदेन नहीं मिले हैं.
उम्मीद से काफी ज्यादा है आवेदकों की संख्या
ये पहली बार हुआ है कि आवेदनों की गिनती उम्मीद से काफी ज्यादा है. इतनी संख्या में टिकट के लिए आवेदन देखकर पार्टी के बड़े नेता भी काफी हैरान हैं. पार्टी के नेताओं ने कभी सोचा भी नहीं था कि पंजाब में किसानों के विरोध के बावजूद इतने लोग टिकट के लिए आवेदन करेंगे. अधिकतर आवेदन कार्यसमिति के सदस्यों और जिला अध्यक्षों के माध्यम से पंजाब के संगठन के पास पहुंचे हैं. जबकि पहली बार ऐसा भी हुआ है कि बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने सीधे आवेदन किया है. सबसे ज्यादा आवेदन पंजाब की हिंदू बाहुल्य बेल्ट दोआबा, माझा, पुआद और शहरी क्षेत्रों से आए हैं. जबकि सबसे कम आवेदन मालवा बेल्ट के बठिंडा से मिले हैं.
पंजाब के इन इलाकों में बीजेपी का है दबदबा
पार्टी के दिग्गज सूत्रों के अनुसार, जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, होशियारपुर, पठानकोट और मोहाली से भारी संख्या में आवेदन मिले हैं. चूंकि शहरी क्षेत्रों में हिंदू वोट ज्यादा हैं और इन शहरों में बीजेपी का कहीं न कहीं आधार भी काफी ज्यादा है इसलिए इन शहरों से टिकट के ज्यादा उम्मीदवार सामने आ रहे हैं. आपको जानकर काफी हैरानी होगी कि ये आवदेन उन लोगों का है जिन्होंने खुद टिकट के लिए अर्जियां दी हैं. इनमें वो लोग अलग हैं, जिन्हें पार्टी खुद चुनावी दंगल में उतारने के लिए दूसरी पार्टियों से तोड़कर लाई है.
पार्टी के नेताओं के सूत्रों ने बताया कि पार्टी की तरफ से किए गए सर्वे के अनुसार पहले आवेदकों छंटनी की जाएगी और उसके बाद जो नाम सामने आएंगे उनकी सूची फाइनल लिस्ट निकालने के लिए भेजी जाएगी. राज्य के स्तर पर पंजाब चुनाव प्रभारी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, क्षेत्रीय संगठन मंत्री, राज्य संगठन मंत्री और प्रांत संघ प्रचारक समेत कुछ वरिष्ठ नेताओं का एक पैनल सर्वे के अनुसार और चर्चा के बाद एक सूची तैयार करेगा. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष और गठबंधन के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह, बीजेपी के पंजाब प्रभारी और बीजेपी चुनाव प्रभारी टिकटों पर फैसला लेंगे.
गौरतलब है कि बीजेपी में दूसरे दलों से आने वाले नेताओं का तांता लगा हुआ है. इनमें से ज्यादातर अपनी पार्टियों को इसलिए छोड़कर नहीं आ रहे कि वो रचनात्मकता नहीं रह गई थीं या फिर वो डूबता जहाज था या उनकी वहां पर कोई पूछ-पड़ताल नहीं थी. बल्कि इसलिए आ रहे हैं कि बीजेपी ने पंजाब में धमाकेदार एंट्री की है और एंट्री के साथ ही बीजेपी अपने दम पर पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए उतरी है और उन्हें बीजेपी के मजबूत वोट बैंक का पता है. जिस तरह से टिकट के लिए आवेदन मिले हैं उससे ऐसे नेताओं के मंसूबों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है जो बीजेपी को पंजाब में कमजोर समझ रहे थे.