माघ महीने में मौनी अमावस्या का महत्व, जानिए कब करें स्नान दान

    माघ माह शुरू हो चुका है और इस माह में अमावस्या का खासा महत्व है। इस माह में जो अमावस्या आती है उसे मौनी अमावस्या कहते हैं। यह महीना काफी पवित्र माना जाता है और इसे भगवान कृष्ण से जोड़ते हैं। इस माघ माह में अमावस्या के दिन लोग स्नान करते हैं और दान करते हैं। ऐसे में उनके सारे पाप भी कटते हैं और पुण्य मिलता है। मौनी अमावस्या जनवरी के बाद फरवरी माह में पड़ेगी। इस दिन भगवान की पूजा भी करते हैं। आइए जानते हैं इस अमावस्या की व्रत विधि और मुहूर्त।

मौनी अमावस्या में स्नान और दान शुभ
मौनी अमावस्या में गंगा में जाकर स्नान करना काफी अच्छा माना जाता है। इसके बाद व्रत करना भी शुभ  है। लोग मौनी अमावस के दिन अपने पितरों को भी याद करते हैं। साथ ही तर्पण और पिंडदान भी करते हैं। इस दिन यह काम करने से पितृदोष भी खत्म होता है। सबसे पहले इस दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। साफ कपड़े पहनकर सूर्य देवता को जल चढ़ाना चाहिए और मंत्र का जाप करना चाहिए। आप अगर अनाज, वस्त्र, तिल और घी का दान करेंगे तो अच्छा होगा। कहते हैं व्रत के दिन गुस्सा नहीं दिखाना चाहिए और न ही किसी को बुरा भला कहें।

कब है शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या फरवरी में एक तारीख को पड़ रही है। वैसे तिथि की शुरुआत शुभ मुहूर्त में 31 जनवरी को है। यह रात में दो बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। साथ ही मौनी अमावस का समापन एक फरवरी को सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर हो जाएगा। मौनी अमावस के दिन अगर सूर्य उदय से पहले स्नान किया जाता है तो यह काफी अच्छा है। वैसे ब्रह्ममुहूर्त को ही उदया तिथि के अनुसार दान किया जाए तो अच्छा है। एक फरवरी को सुबह स्नान करने के बाद दान करना अच्छा होगा। इससे काफी पुण्य मिलेगा।

GB Singh

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