महादेव की पूजा का दिन निकट आ रहा है। यह रात्रि महाशिवरात्रि कहलाती है। बताया जा रहा है कि इस बार भगवान महादेव की पूजा के लिए शिवरात्रि में काफी अच्छा योग बन रहा है। यह शुभ योग बन तो रहा ही है साथ में मकर राशि में पंचग्रही योग भी है। यह शुभ योग बनने से इस दिन महादेव को प्रसन्न किया जा सकता है। इस बार महाशिवरात्रि एक मार्च को पड़ रही है, हालांकि दिन मंगलवार होने से महत्व कम नहीं होगा।
महादेव का विवाह हुआ था पार्वती से
शिवरात्रि को इसलिए खास माना जाता है क्योंकि इसी दिन माता पार्वती का विवाह महादेव से हुआ था। इस दिन रुद्राभिषेक का बहुत महत्व है और यह करने से महादेव को प्रसन्न किया जा सकता है। बता रहे हैं कि इस बार पंचग्रही योग में यह और खास हो गई है। शिवरात्रि पर महादेव बारात लेकर पार्वती के घर गए थे और बैंड बाजा बारात में उनके साथ भूत और गण भी गए थे। बारातियों का यह रूप देखकर काफी लोग डर भी गए थे। महादेव ने भी अपने असली भेष में गए थे।
कैसा है यह दुर्लभ योग
ज्योतिषशास्त्रों की मानें तो शिवरात्रि पर धनिष्ठा नक्षत्र में परिधि योग हो सकता है। इसके बाद शतभिषा नक्षत्र होगा। परिधि योग और शिव योग भी होने से शत्रु से विजय मिलेगी। नक्षत्र अच्छा होने से पूजा करने का फल भी मिलता है। जो पंचग्रही योग बन रहा है उससे मकर राशि में मंगल, शनि, बुध, शुक्र और चंद्रमा रहने से अच्छा होगा। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति, राहु वृषभ राशि में, केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में अच्छा संयोग है। एक मार्च को सुबह 11 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट तक, दोपहर में 2 बजकर 7 मिनट से 2 बजकर 53 मिनट तक, शाम को 5 बजकर 48 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा और यह अच्छा माना जाात है। वैसे अभिजीत और विजय मुहूर्त सुबह 11.47 और दोपहर 2.07 वाला सबसे सही मुहूर्त है।
GB Singh
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