आपने हमेशा पंडितों को विवाह लग्न के समय कुंडली देखते हुए गण के बारे में बात करते सुना होगा। लड़का देव गण या राक्षस गण। लड़की देव, राक्षस या मानव गण। यह गण काफी महत्व रखते हैं लोगों के जीवन में। इनका सबसे अधिक उपयोग विवाह में कुंडली को जोड़ते समय ही करते हैं। यह आपका स्वभाव व व्यवहार तो बताता ही है साथ ही यह आपके जीवन की कुछ खासियत पर भी इशारा करता है। शादी-विवाह से गण का बहुत महत्व जुड़ता है। आइए जानते हैं।
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गण क्या बताता है
ज्योतिशास्त्र में जिन तीन गण की चर्चा होती है उनमें राक्षस गण को लेकर लोगों में काफी अलग-अलग बात की जानकारी होती है। लोग सोचते हैं की राक्षस गण है तो बुरी आदत होगी और काफी बुरी प्रवृत्ति का व्यक्ति होगा। लेकिन ऐसा होता नहीं है। यह सिर्फ गण है किसी का आचार व व्यवहार नहीं है। वैसे देखा जाए तो मानव, देव और राक्षस में सबसे श्रेष्ठ गण देव होता है लेकिन सबकी अपनी विशेषताएं हैं जिनको जानना आवश्यक है।
तीनों गणों की विशेषताएं
देव गण को तो लोग अच्छा मानते हैं। इनमें कपटता कम होती है और ये गुणों में देवताओं के समान होते हैं। यह ईमानदार होने के साथ ही चरित्र के अच्छे, संस्कार को मानने वाले, दयालु और दिमागी रूप से अच्छे होते हैं। ये दूसरों की मदद करने वाले और धर्म पर चलने वाले होते हैं। मानव गण के लोग मानवीय स्वभाव के होते हैं। जिस प्रकार पृथ्वी पर मानव जन्म लेता है तो उसे मेहनती और कर्मठ होना होता है. उसी प्रकार यह गण के लोग भी होते हैं। राक्षस गण के लोग वैसे तो अच्छी प्रवृत्ति के होते हैं लेकिन वे लोग थोड़ा नकारात्मक सोचते हैं। देव और राक्षस गण को लोग आपस में विवाह न करने की सलाह भी देते हैं क्योंकि इनका स्वभाव नहीं मिलता, लेकिन अमूमन लोग इसकी परवाह किए बिना कर लेते हैं। मानव और देव गण सबसे उत्तम है और मानव व राक्षस गण भी सही है।
GB Singh