होली का त्योहार आज से आठ दिन बाद है, लेकिन आज से होलाष्टक शुरू हो गया है। यह होली के आठ दिन पहले से शुरू होता है जो रंग खेलने तक चलता है। होली पर यह होलाष्टक का खास महत्व होता है। कहा जाता है कि यह आठ दिन तक किसी प्रकार का कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता है। यह अच्छा फल नहीं देते हैं साथ ही मुसीबत भी बढ़ाते हैं। आइए जानते हैं।
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होलाष्टक पर क्या है मान्यता
होली के त्योहार का अपना अलग ही महत्व है। फाल्गुन मास का यह प्रमुख त्योहार है इसके अलावा यह हिंदू धर्म के कैलेंडर के अनुसार साल का अंतिम त्योहार है। इसके बाद चैत्र माह शुरू होगा जो हिंदू धर्म के अनुसार नया साल है और उसमें रामनवमी के बाद कोई खास या बड़ा त्योहार नहीं पड़ता है। होली के त्योहार के आठ दिन पहले ही होलाष्टक होता है यह आठ दिन तक चलता है। फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन तक होलिका दहन तक होलाष्टक रहता है। कहा जाता है कि भगवान की पूजा के लिए यह समय सही होता है लेकिन कोई शुभ काम नहीं कर सकते हैं। यह 10 मार्च से शुरू हो गया है और 17 मार्च तक रहेगा।
किन कार्यों की मनाही
होलाष्टक पर वैसे तो कई तरह के कामों को करने की मनाही है। उसमें आपको आठ दिन तक भगवान को याद करने को कहा जाता है। कहीं-कहीं यह रिवाज है कि पेड़ की एक शाखा को प्रहलाद मानकर उसे जमीन पर लगाया जाता है और वहां पर रंगीन कपड़ा बांधते हैं। वहां कोई शुभ कार्य नहीं होता है। होलाष्टक पर आठ दिन बाद ही कोई शुभ कार्य होता है। कहा जाता है कि नामकरण, जनेऊ, गृह प्रवेश, विवाह कार्य इस समय नहीं करना चाहिए। इस दौरान हवन, यज्ञ भी नहीं करना चाहिए। जिन लड़कियों की शादी अभी हुई है उनको मायके में रहना अच्छा माना जाता है। होलाष्टक से पहले ही लड़कियां अपने मायके आ जाती हैं।
GB Singh