मारीपोल में मरे लोगों के शवों को रूसी सेना एकत्रित कर रही है और उनका अंतिम संस्कार भी कर रही है। यह रूसी सेना का वस्तुस्थिति को गलत तरह से पेश करने का तरीका है। ऐसा वह बूचा में नरसंहार के तीखे विरोध से खुद को अलग करने के प्रयास में कर रही है। लेकिन रूसी सेना बूचा की घटना से खुद को अलग कर पाने में सफल नहीं होगी। यह बात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कही है।

ईयू के प्रमुख ने किया बूचा का दौरा
इस बीच यूरोपीय यूनियन की प्रमुख उर्सा वान डेर लिएन और विदेश मंत्री जोसेप बोरेल शुक्रवार को कीव पहुंचे। उन्होंने बूचा जाकर रूसी सेना के नरसंहार के सुबूतों को देखा। लिएन ने कहा, बूचा की घटना से रूसी सेना का क्रूर चेहरा सामने आया है। लिएन ने यूक्रेन को शीघ्र ही यूरोपीय यूनियन की सदस्यता मिलने का आश्वासन भी दिया है।
आठ रूसी राजनयिक निष्कासित
रूसी राजनयिकों के निष्कासन के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को जापान सरकार ने भी देश में मौजूद आठ रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। हाल के दिनों में फ्रांस, जर्मनी सहित आधा दर्जन से ज्यादा देशों ने रूसी राजनयिकों के निष्कासन की घोषणा की है।
चेक रिपब्लिक ने भेजा हथियारों का जखीरा
कभी रूस के सहयोगी रहे लेकिन अब नाटो के सदस्य चेक रिपब्लिक ने युद्ध में यूक्रेन की मदद के लिए टैंक, राकेट लांचर, हावित्जर तोप और बख्तरबंद वाहनों का काफिला भेजा है। दसियों करोड़ रुपये के हथियारों की मदद लेकर जहाज यूक्रेन के बंदरगाह पर पहुंच चुका है। इस बीच ब्रिटेन ने यूक्रेन को 13 करोड़ डालर (करीब एक हजार करोड़ रुपये) की अतिरिक्त सैन्य सहायता देने का एलान किया है।
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