हिंदू धर्म में कई ऐसे मौके आते हैं जब मुहूर्त पूरी तरह खुला होता है और इस दौरान किसी भी तरह का काम हो सकता है। ऐसे मुहूर्त आपको बसंत पंचमी के अलावा कई बार मिलते हैं। अब वैशाख मास में आपको अक्षय तृतीया के दिन ही ऐसा मौका मिलेगा जब आप बिना किसी दिक्कत के अपने सभी शुभ कार्यों को निपटा सकते हैं। इस दिन आप शुभ कार्यों को करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं। ऐसे मुहूर्त को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है। आइए जानते हैं इसकी खास बातें।
तीन मई को है अक्षय तृतीया
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का काफी महत्व है। आजकल तो इसे बाजार ने भी इतना विख्यात कर दिया है कि लोग शॉपिंग के लिए निकल पड़ते हैं। अब तो अक्षय तृतीया पर लोग इतना सोना चांदी खरीदते हैं जितना लोग दिवाली पर खरीदते हैं। अक्षय तृतीया इस बार तीन मई को मनाया जाएगा। इस दिन शादी के लिए मुहूर्त अच्छा है। इसके अलावा गृह प्रवेश और जनेऊ संस्कार व मुंडन संस्कार भी कर सकते हैं। यह शुक्ल पक्ष की तृतीया को पड़ता है इसलिए इसे अक्षय तृतीया कहते हैं।
कब से कब तक रहेगा मुहूर्त
अक्षय तृतीया के दिन यानी तीन मई को मंगलवार के दिन सुबह सवा पांच बजे मुहूर्त शुरू होगा और यह 4 मई को सुबह साढ़े सात बजे खत्म हो जाएगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र होने से यह काफी अच्छा माना जा रहा है। रोहिणी नक्षत्र सुबह साढ़े 12 बजे से चार मई को तड़के सवा तीन बजे तक रहेगा। इस दिन न केवल अपने शुभ कार्यों को करने का दिन है बल्कि कुछ न कुछ खरीदना भी काफी अच्छा माना जाता है। इस दिन अगर आप दान करते हैं तो वह भी शुभ है और आपके लिए अच्छा होगा।
GB Singh