हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग पर अटलाकोटी के पास बर्फ काटकर रास्ता बनाने में सेना को जमकर पसीना बहाना पड़ रहा है। मौसम का लगातार बदलता मिजाज यहां बार-बार सेना की राह रोक रहा है। हालांकि, सेना अब तक एक किमी क्षेत्र से बर्फ हटा चुकी है, लेकिन अटलाकोटी में खड़ा हिमखंड उसकी कड़ी परीक्षा ले रहा है।
सेना के 50 कर रहे हैं बर्फ हटाने का कार्य
चमोली जिले में समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 22 मई को खोले जाने हैं। इन दिनों प्रशासन के साथ ही गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी भी यात्रा तैयारियों में जुटी हुई है। सेना के 50 जवान हेमकुंड से तीन किमी पहले अटलाकोटी के पास से बर्फ हटाने का कार्य कर रहे हैं।
एक किमी लंबा और दस फीट से अधिक ऊंचा हिमखंड
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि अटलाकोटी में खड़ा हिमखंड एक किमी लंबा और दस फीट से अधिक ऊंचा है। इसलिए यहां रास्ता बनाने में सबसे ज्यादा मुश्किलें पेश आ रही हैं।
सेना हर चुनौती का मुकाबला करने में सक्षम
उधर, 418-इंजीनियरिंग कोर के सूबेदार जगशीर सिंह ने बताया कि अटलाकोटी हिमखंड को काटने का कार्य जारी है। मौसम जरूर बाधा खड़ी कर रहा है, लेकिन सेना हर चुनौती का मुकाबला करने में सक्षम है।
22 मई को सुबह 10:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे कपाट
उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में पहचान रखने वाले सिखों के प्रमुख तीर्थ हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई को सुबह 10:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रस्ट की ओर से अपने सभी गुरुद्वारों, धर्मशाला और विश्राम स्थलों में रखरखाव का कार्य प्रारंभ कर लिया गया है।
बता दें कि आगामी तीन मई से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा भी शुरू होने जा रही है। जिसके मद्देनजर तैयारियां अंतिम दौर में हैं। इस बार संभावना जताई जा रही है कि रिकार्ड तोड़ यात्री पहुंच सकते हैं।