सरोवर नगरी में गुरुवार को जमकर पानी बरसा, वहीं शुक्रवार को भी तेज बारिश होने के साथ ओले पड़े। बारिश ने लोगों को जहां तहां ठिठकने को मजबूर कर दिया। इस दौरान जहां लोगों को दैनिक कार्यों में बाधा आई वहीं विभिन्न शहरों से पहुंचे सैलानी भी होटल में ही पैक रहे।
नैनीतान में सुबह से ही घने बादल आसमान में डेरा डाले हुए थे। दस बजे के करीब जोरदार बारिश शुरू हो गई। ऊपरी इलाकों में ओले पड़ने लगे। बरसा का वेग अधिक होने के कारण नाले उफान पर आ गए और कूड़े कचरे के ढेर नैनी झील में तैरते नजर आने लगे। तेज बारिश ने लोगों को आने जाने का मौका नहीं दिया।
इस दौरान लोअर मालरोड में कई जगहों पर जल भराव हो गया। जिस कारण दुपहिया वाहनों को आने जाने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। बारिश में पर्यटकों काफी परेशानी हुई। ऊंचाई वाले पर्यटक स्थलों में पहुंचे सैलानी खूब भीगे। पिछले कुछ दिनों से हो रही तेज बारिश को देख लोगों ने हैरानी व्यक्त की है। कहना है कि प्री मानसून की ऐसी बारिश पहले कभी नही देखी।
आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वायु मंडलीय विज्ञानी डा नरें द्र सिंह का कहना है कि मौसम का ऐसा दौर आया है, जिसका पूर्वानुमान मुश्किल हो गया है। इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग का साइड इफेक्ट है। मार्च व अप्रैल में इस बार तापमान में हुई रिकॉर्ड वृद्धि के कारण इन दिनों बारिश में वृद्धि हो रही है। लगातार हो रही बारिश से झील का जलस्तर स्थिर बना है।