मेरठ में दुकान के विवाद में मेडिकल थाने पहुंचे भाजपाइयों ने जमकर अराजकता की। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। घंटों तक हंगामा चला। इस दौरान कुछ लोगों ने थाने के बाहर विवादित पोस्टर भी लगा दिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कप्तान के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। उधर, इस मामले में देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया।
यह है मामला
इंचौली थाना क्षेत्र के मसूरी गांव निवासी पूजा की शादी चार साल पहले नौचंदी थाना क्षेत्र के वैशाली कालोनी निवासी अवधेश से हुई थी। पूजा ने बताया कि अक्टूबर 21 में पति की बीमारी से मौत हो गई थी। उसके बाद ससुर-देवर ने गढ़ रोड पर मेडिकल क्षेत्र में स्थित उनकी दुकान पर कब्जा कर लिया था। पति की मौत के बाद दुकान उन्होंने अपने नाम करा ली थी, लेकिन वह खाली नहीं कर रहे थे। शुक्रवार को पीड़िता भाजपा कार्यकर्ताओं शंभू पहलवान, सागर पोसवाल, अंकुर चौधरी आदि के साथ थाने पहुंची थी। पुलिस ने दूसरे पक्ष को भी बुला लिया था। हालांकि दोनों पक्षों में बात नहीं बनी। इस पर भाजपाइयों ने हंगामा कर दिया
यह पोस्टर लगा दिया था थाने पर
पुलिसकर्मियों ने रोका तो अभद्रता का आरोप लगा दिया। इसके बाद नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। घंटों तक अराजकता का माहौल रहा। थाना प्रभारी से नोकझोंक करते हुए आपत्तिजनक तंज तक कसे। इस बीच एक युवक थाने से निकला और कुछ देर बाद पोस्टर लाया। उसे थाने के बाहर लगा दिया – जिस पर लिखा था भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है, थाना प्रभारी संतशरण सिंह। जानकारी पर सीओ देवेश कुमार भी पहुंच गए और समझाने का प्रयास किया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उनसे पुलिसकर्मियों ने अभद्रता की है। तत्काल उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सीओ ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन देकर उनको शांत किया।
भाजपाइयों ने पोस्टर तो पुलिस ने वीडियो वायरल की
हंगामे के दौरन भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर पास्टर लगा दिया था, जिस पर लिखा था कि भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है। कुछ देर बाद उसे उतार दिया और हाथ में पकड़कर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिसकर्मी भाजपाइयों की वीडियो बना रहे थे। हंगामे के दौरान ही कार्यकर्ताओं ने पोस्टर लगे फोटो तो पुलिस ने मौके की वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कसा तंज
थाने पर विवादित पोस्टर इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था। शुक्रवार रात इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि – ऐसा पहली बार हुआ है इन पांच-छह सालों में, सत्तापक्ष के लोगों का अना मना हुआ थानों में। ये है उप्र की भाजपा सरकार का बुलंद इकबाल।
इधर हंगामा, उधर सीएम ने भी किया थी ट्वीट
जिस समय मेडिकल थाने में हंगामा चल रहा था, उसके कुछ देर बाद ही सीएम आदित्यनाथ ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि पिछली सरकारों के समय थाना और तहसील गिरवी रख दिए जाते थे। मगर भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता अनावश्यक सिफारिश के लिए किसी थाने या तहसील में नहीं जाता है।
इन्होंने कहा
संपत्ति को लेकर देवर और भाभी में पारिवारिक विवाद चल रहा है। कुछ लोग समझौता कराने के लिए थाने गए थे। उनमें मौजूद शरारती तत्वों ने हंगामा कर दिया। वह पुलिस पर अनुचित दबाव बना रहे थे। कुछ युवक बाहर से पोस्टर लाए और थाने पर लगा दिया। इससे पुलिस की छवि धूमिल हुई है। मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
पुलिस ने दर्ज किया केस
दारोगा की तहरीर पर रात में मुकदमा दारोगा यतेंद्र गोस्वामी की तहरीर पर शंभू पहलवान, सागर पोसवाल, अंकुर चौधरी, कुलदीप मसूरी और 10-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। रिपोर्ट में कहा कि उक्त लोगों ने हंगामा किया, जिससे थाने में आए फरियादियों में भगदड़ मच गई थी। वहीं, आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए रात में दबिश भी दी गई थी।
मोहनपुरी में छपा था बैनर
थाना प्रभारी संत शरण सिंह ने बताया कि मामले की जांच की गई तो पता चला कि आरोपितों में से एक की पार्टनरशिप में प्रिंटिंग प्रेस भी है, जो मोहनपुरी में है। हंगामे के दौरान वहीं पर बैनर छापा गया था। इसकी पुष्टि जांच में हो गई है।