आधार कार्ड को लेकर जिस तरह से लोगों के मन में सवाल उठा है उससे लोग अब आधार कार्ड किसी को दिखाने में भी हिचकने लगे हैं। पिछले दिनों सरकार की ओर से एक पत्र जारी कर कहा गया कि किसी को भी आधार की फोटोकापी न दें क्योंकि इससे धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन जैसे ही यह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ सरकार को इसे वापस लेना पड़ा। आखिर क्या कारण रहा, आइए जानते हैं।
सरकार ने वापस लिया पत्र
इलेक्ट्रानिक एंव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया था। सरकार ने कहा था कि आधार की फोटोकापी किसी को साझा न किया जाए। उन्होंने परामर्श दिया था। लेकिन यह विज्ञप्ति को कुछ समय के बाद ही वापस ले लिया गया। सरकार की ओर से कहा गया कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि लोग गलत व्याख्या कर सकते हैं। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई की ओर से पिछले कुछ दिन पहले ही आम जनता को हिदायत देते हुए एक पत्र जारी किया गया था कि किसी संगठन को आधार की फोटोकापी न दें।
आखिर क्यों आया यह आदेश
पिछले काफी समय से देखा जा रहा है कि देश के अलग-अलग राज्यों में आधार कार्ड से धोखाधड़ी की खबरें बढ़ी हैं। लोग बेधड़क तरीके से अपने आधार कार्ड की फोटो कापी साझा कर रहे हैं। इसे किसी को भी देते हैं। ऐसे में सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया था कि पूरे कार्ड की कापी न देकर सिर्फ लास्ट के चार अंकों की ही कापी दें। यह उनकी वेबसाइट से भी ले सकते हैं। आधार की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए ऐसा कहा गया था। लेकिन लोगों के बीच सवाल उठने शुरू हो गए कि जब हर कार्य के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है तो ऐसे में इसकी गोपनीयिता को किस हद तक बचाया जा सकता है।
GB Singh