देवशयनी एकादशी जुलाई माह में पड़ेगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी, इसके अलावा शुभ कार्यों पर भी पाबंदी लग जाएगी। कार्तिक मास में देवउठनी एकादशी से यह शुभ कार्य शुरू होंगे। आषाढ़ मास से लेकर कार्तिक मास तक लोगों को इंतजार करना होगा। देवशयनी एकादशी का लोग व्रत भी करते हैं और इस दिन भगवान विष्णु पूजा कर आशीर्वाद लेते हैं। आइए जानते हैं।
10 जुलाई को है एकादशी
आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी 10 जुलाई को पड़ेगी। हिंदू धर्म में इस एकादशी के व्रत को काफी कठिन माना जाता है। इस दिन व्रत करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत दोनों पक्षों में रखा जाता है। इसी दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में जाएंगे फिर कार्तिक महीने में एकादशी के दिन देवउठनी एकादशी के दिन जागेंगे। इस दिन रवि योग बन रहा है और साथ ही शुभ योग के साथ ही शुक्ल योग भी बन रहा है। सभी योग में पूजा करना अच्छा होगा।
योग में करें पूजा
देवशयनी एकादशी में कई योग बन रहे हैं जिसमें पूजा होगी। देवशयनी एकादशी में रवि योग के अलावा शुभ योग और शुक्ल योग में पूजा करने से लाभ होगा। इसी प्रकार से रवि योग में सुबह 5 बजकर 32 मिनट पर पूजा होगी जो सुबह 9 बजतक 56 मिनट पर होगी। शुभ योग सूर्य उदय होने के साथ शुरू होगा। आषाढ़ महीने में अभी 9 जुलाई को शाम को 4 बजकर 40 मिनट से रविवरि को 10 जुलाई को दोपहर में 2 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। उदया तिथि पर ही पूजा की जाती है। इसलिए पूजा 10 जुलाई को होगी। देवशयनी व्रत करने के लिए सुबह स्नान करें और मंदिर में दीपक जलाकर भगवान विष्णु को गंगाजल चढ़ाए। साथ ही तुलसी और फूल चढ़ाएं। व्रत करें और एकादशी का व्रत कथा सुने। आरती करके भोग लगाएं। इसमें सात्विक चीजों को शामिल करें। उसमें तुलसी की पत्ती रखें। भगवान विष्णु को तुलसी दल प्रिय है।
GB Singh