कहा जाता है कि जितना हो सके कर्ज से दूर रहना चाहिए, लेकिन लोन की जरूरत तो वैसे लोगों को पड़ जाती है। अचानक से पैसे चाहिए हो और आपके पास नहीं है तो आपके लिए लोन ही एक तरीका बचता है। ऐसे में आपको यह जानने की जरूरत है कि सही तरह से लोन कैसे लें। अगर लोन ले लिया है तो अपनी ईएमआई कम कराने के बारे में सोचना चाहिए। कई लोगों को इसके बारे में नहीं पता लेकिन आरबीआई ने अपनी गाइडलाइन में साफ तौर पर लोगों को ईएमआई कम कराने के लिए यह विकल्प दे रखा है जिसे बैलेंस ट्रांसफर यानी बीटी कहते हैं। आइए जानते हैं कि यह क्या है।
हर तरह के लोन में होता है बीटी
बीटी केवल पर्सनल लोन में ही नहीं होता बल्कि आप यह होम लोन और आटो लोन में भी करवा सकते हैं। इसके लिए आपको ज्यादा से ज्यादा छह माह और एक साल का इंतजार करना होता है। कुछ बैंक बीटी करवाने के लिए एक माह के बाद ही कर देते हैं। अगर आपने किसी बैंक से 12 फीसद ब्याज पर कोई लोन लिया है और चाहते हंै कि यह दर कम हो जाए तो ऐसे नहीं हो सकती। इसके लिए आपको बीटी करवानी होती है।
कैसे करवाएं बीटी
बीटी करवाने के लिए कुछ शर्तों का पूरा करना जरूरी है। पहले यह कि आप जिस बैंक से लोन ले चुके हैं उसको कम से कम एक किश्त दे चुके हों। कुछ बैंकों में यह छह और कुछ में 12 किश्त के बारे में है। इसके अलावा आपकी एक भी किश्त बाउंस न हुई हो। अगर ऐसा हुआ तो आपको छह माह तक इंतजार करना होगा तभी आप बीटी करवा सकते हैं। अगर आपने एचडीएफसी से कोई लोन 12 फीसद ब्याज पर लिया है और आप एक साल बाद चाहते हैं कि यह दर कम होकर 11 या साढ़े 10 हो जाए तो आप बैंक की डिटेल चेक कर सकते हैं। कई बैंक इससे कम में बीटी करके आपका एचडीएफसी का लोन बंद कर देंगे इसके बाद आपको उस बैंक में ईएमआई देनी होगी जिसने आपका बीटी किया है, वह भी आपकी पसंद की दर पर। इसके लिए कुछ कागजी कार्रवाई करनी होती है। इस तरह आप कम दर में अपनी इएमआई चुका सकेंगे।