चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। आलम यह है कि देश के कुछ शहरों में फिर से लॉकडाउन लगाने जैसी स्थिति सामने आ गई है। लोग इसे लेकर डरे सहमे हुए हैं और अब इन जगहों की आर्थिक गतिविधियों का ठप्प होना परेशानी का एक अलग सबब बना हुआ है। भी प्रभावित होने लगी हैं।
लॉकडाउन का ऐलान
चीन में हाल के दिनों में कोरोना के मामलों में इजाफा देखने को मिला है इससे कुछ शहरों नए प्रतिबंधों के साथ लॉकडाउन का दोबारा ऐलान किया गया है। कोरोना को लेकर शंघाई और वुहान की स्थिति किसी डरावने सपने से कम नहीं है। हालांकि ये प्रतिबंध या लॉकडाउन के नियम पहले जितने सख्त नहीं है, इनमें ढील दी गई है। बहरहाल यह कहना अभी मुश्किल है कि ये कितने दिनों तक लागू रहेंगे, वजह कोरोना का नया स्वरूप ओमिक्रॉन है।
ओमिक्रॉन का डर
चूंकि ओमिक्रॉन तेजी से फैलता है इसलिए लोगों में पहले से ही एक डर बना हुआ है। लोगों में सफर करने की भी इच्छा कम हुई है, मौजूदा हालात उनके जेब पर भारी पड़ रही है। चीन का यीवू शहर दुनिया के विशालतम बाजारों में से एक है। यहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना और ओमिक्रॉन का काफी असर पड़ा है क्योंकि लोग घरों से बाहर आने से बच रहे हैं।
घरों में कैद हुए लोग
यीहू के करीब 19 लाख लोग भी इस वक्त कई अन्य शहरों के लोगों की भांति इस वक्त प्रतिबंधों के अधीन हैं। इन्हें भी घर से अनावश्यक बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। सिर्फ खाने-पीने का सामना लाने, अस्पताल जाने या कोविड टेस्ट कराने के लिए बाहर जाने की छूट है। इस दौरान कई कंपनियों को बंद परिसर में रहकर कर्मचारियों को काम करने की इजाजत दी गई है। कई सार्वजनिक जगहें पिछले तीन दिनों से बंद है। सिर्फ आवश्यक सेवाओं की प्रतिबंध की सूची से बाहर रखा गया है।
कहीं मिली राहत तो कहीं लगा लॉकडाउन
चीन के शिंजियांग में अक्सू क्षेत्र के तहत आने वाले तीन शहरों में लोगों को गुरुवार से घर से बाहर जाकर काम करने की अनुमति मिली है। हालांकि इस दौरान नियमों का पालन करना जरूरी है। लेकिन यहीं के उरुम्की में बुधवार से पांच दिनों का लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसके अलावा, हेनान और तिब्बत के कुछ शहर भी इस वक्त लॉकडाउन की चपेट में हैं।
नये मामलों की संख्या
चीन के स्वास्थ्य आयोग ने गुरुवार को जानकारी दी कि देश में बुधवार को स्थानीय रूप से संचारित कोरोना के 1,993 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से 614 में लक्षण दिखे हैं और 1,379 बिना लक्षण वाले हैं। इस दौरान किसी के भी मरने की खबर नहीं मिली है।