तेजी से फैली खबर
दरअसल, पिछले दिनों एक समीक्षा पेपर पेश किया गया। मीडिया में इसकी जानकारी सामने आने के बाद यह बताया जाने लगा कि अब सरकार यूपीआई ट्रांसजेक्शन के लिए पैसे लेगी। इसको लेकर लोगों ने काफी विरोध जताया। दरअसल, यूपीआई वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति आनलाइन और आफ लाइन दोनों तरीके से पैसे का भुगतान कर सकता है। नोटबंदी के बाद इसका चलन तेजी से हुआ और अभी कोरोना के समय भी यह हो रहा था। लेकिन अब सरकार का कहना है कि ऐसी कोई योजना नहीं है। अगर ऐसा होता तो लोग काफी परेशान हो जाते।
सरकार ने क्या दी सफाई
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि यूपीआई की सेवा बैंक व अन्य कंपनियों की ओर से प्रदान की जजा रही है। उन्हें अपनी लागत निकालने के लिए कोई और तरीका अपनाना चाहिए और इसके लिए वे विचार करें। वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यूपीआई के माध्यम से लोगों को काफी सुविधा होती है और यह डिजिटल भुगतान अर्थव्यवस्था के लिए काफी अच्छा है। ऐसे में सरकार की ओर से ऐसी कोई तैयारी नहीं है कि वह इस पर शुल्क लगाए। कुछ दिनों पहले आरबीआई की ओर से पेश किए गए समीक्षा पेपर में इसका जिक्र किया गया था कि क्या आनलाइन भुगतान पर स्पेशल चार्ज लगााय जाए। इस पर लोगों से सुझाव भी मांगा गया।
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