गोमती नदी अब रोबोट नाव के जरिए साफ हो सकेगी। बुधवार को एआई तकनीक वाली सौर ऊर्जा से लैस रोबोटिक ट्रेश बोट का गोमती के लक्ष्मणमेला घाट क्षेत्र में ट्रायल किया गया। मानवरहित नाव तलहटी तक की गंदगी साफ कर एक बार में करीब दो कुंतल कचरा बटोर कर खुद किनारे आ जाएगी। इसे सेंटर फॉर इनोवेशन पॉलिसी एंड सोशल चेंज ने बनाया है। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब और पर्यावरण सचिव आशीष तिवारी की मौजूदगी में परीक्षण किया गया।
सीआईपीएससी निदेशक करिश्मा सब्बरवाल ने बताया कि एक माह परीक्षण के साथ यह नगर निगम को दी जाएगी। रोबोटिक ट्रैश नाव में लगी छोटी जाली छोटे कचरे को बाहर करने में सक्षम है। यह पालीथीन, फूल तक निकालेगी। यह बोट स्वदेशी है। जीपीएस होने से इसकी निगरानी भी आसान है।
दो कुंतल कचरा इकट्ठा होते किनारे आ जाएगी
दो कुंतल कचरा बोट में भरने पर बोट की एआई तकनीक का सेंसर इसे किनारे पहुंचा देगी, जहां इसे खाली किया जा सकेगा। ऑटो मोड पर बोट खुद कूड़ेदान खाली कर नदी में लौट आएगी। यह पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित है, इसलिए कार्बन उत्सर्जन शून्य है। इसमें एक एचडी कैमरा भी है, जो पानी की सतह पर जलकुम्भी, प्लास्टिक आदि कचरा पहचान कर इकट्ठा करेगा। कन्वेयर बेल्ट कूड़े को पीछे टोकरी में भर देता है। क्षमता एक कुंतल और बढ़ सकेगी।