लखनऊ: यूपी विधानसभ चुनाव को लेकर तीन चरण पूरे हो चुके हैं। अब चौथे चरण के चुनाव की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार चौथ चरण में 680 प्रत्याशियों में से 116 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें दुष्कर्म, छेड़छाड,ए हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण जैसे संगीन वारदात के मामले शामिल हैं। पहले चरण में ऐसे प्रत्याशियों की संख्या 20 प्रतिशत थी जबकि दूसरे और तीसरे चरण में यह आंकड़ा 14 फीसदी था। मगर चौथे चरण में यह आंकड़ा 17 प्रतिशत है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिर्फाम्स एडीआर व उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक संजय सिंह ने चुनाव में भाग्य आजमा रहे 680 प्रत्याशियों के शपथ पत्र का ब्यौरा जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के 48 प्रत्याशियों में से 19 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैंए जिसका औसत 40 फीसद है। भाजपा के प्रत्याशियों में से 14 ऐसे हैं जिन पर दर्ज अपराध में पांच साल या उससे ज्यादा की सजा हो सकती है।
चौथे चरण में सपा के 33 प्रत्याशियों में से 13 के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैंए इस दल के दागी प्रत्याशियों का औसत 39 फीसद है। बहुजन समाज पार्टी के 53 में से 12 के खिलाफ मुकदमे हैं। चौथे चरण में बसपा के दागी प्रत्याशियों का औसत 23 के करीब है। रालोद के 39 प्रत्याशियों में से नौ फीसद पर मुकदमे दर्ज हैैं।
संजय सिंह कहते हैं कि राजनीतिक दल अपराधियों से दूरी का दावा कर वाह-वाही चाहे जितनी लूटते हों मगर चुनाव आयोग में दाखिल प्रत्याशियों के शपथ पत्रों के विश्लेषण से साफ है कि किसी भी दल को इससे गुरेज नहीं है। सपा, भाजपा तो राजनीति से अपराधियों की दूरी का दावा भी करती हैंए मगर टिकट बंटवारे में दागियों से उन्होंने गुरेज नहीं किया है। भाजपा के 14 व सपा,बसपा के10510 प्रत्याशी हैं, जिन पर बेहद गंभीर अपराधों के आरोप हैं।
कांग्रेस ने इस चरण में यूं तो सिर्फ 25 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैंए मगर उनके भी पांच प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैैं।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक बसपा के 53 में 45, भाजपा के 48 में 36, सपा के 33 में 26 प्रत्याशी करोड़पति हैं। कांग्रेस के 25 में 17, रालोद के 39 में से 6 प्रत्याशी करोड़पति हैं।