लखनऊ: यूपी सरकार के काबीना मंत्री मंत्री गायत्री प्रजापति से पूछताछ और घटनास्थल के निरीक्षण के लिए पुलिस की एक टीम मंगलवार को उनके सरकारी आवास पहुंची। पुलिस को गायत्री अपने घर पर नहीं मिले। इसके बाद पुलिस ने वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की।
बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। गायत्री पर एक महिला ने खनन का पट्टïा दिलाने के नाम पर दुराचार और उसकी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ का आरोप है। गायत्री के खिलाफ राजधानी के गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गयी थी। इस पूरे मामले की विवेचना सीओ आलमाबाग अमिता सिंह को दी गयी थी। इस मामले में पुलिस ने पीडि़त महिला का मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दर्ज करायी थी। वहीं पीडि़त महिला और उसके परिवार को लखनऊ पुलिस ने सुरक्षा भी दी थी।
इस मामले में लगातार पुलिस पर गायत्री की गिरफ्तारी का दवाब बन रहा था। सूत्र बताते हैं कि सोमवार की देर रात इस मामले को लेकर उच्चधिकारियों की एक बैठक भी हुई थी। इस बैठक में गायत्री मामले को लेकर पुलिस ने अपनी रणनीति तैयार की थी। पुलिस की इसी रणनीति की वजह से आज पुलिस ने गायत्री प्रजापति के सरकारी आवास पर छापेमारी की।
चित्रकूट की 35 वर्षीय महिला ने खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। महिला का कहना था कि गायत्री प्रजापति के राजधानी के गौतमपल्ली स्थित सरकारी आवास पर उसका आना.जाना था। गायत्री ने अपने साथी अशोक तिवारी के जरिए उसे अपने आवास पर बुलाया और हमीरपुर में बालू के खनन का पट्टा देने की पेशकश की। इस दौरान गायत्री ने चाय मंगाई, जिसमें नशीला पदार्थ मिला था। चाय पीने के बाद वह बेहोश हो गई जिसके बाद गायत्री और उनके आवास पर मौजूद अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्र पाल, रूपेश और आशीष शुक्ला ने उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के दौरान इन लोगों ने उसका वीडियो बना लिया जिसे दिखाकर उसे ब्लैकमेल किया गया।