कटक। ब्लैकमनी की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित विशेष जांच दल के डिप्टी चेयरमैन अरिजित पसायत ने कहा कि अब तक 70,000 करोड़ रुपये की ब्लैकमनी सामने आ चुकी है। उन्होंने कहा कि इससे जुड़ी छठी रिपोर्ट अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश की जाएगी। उन्होंने कहा कि 70,000 करोड़ रुपये में से 16,000 करोड़ ऐसे हैं, जो ग्लोबल लीक्स के बाद शुरू की गई जांच में पकड़े गए हैं।

ब्लैकमनी की जांच कर रही टीम अप्रैल में सौपेंगी रिपोर्ट
आर्थिक और वित्तीय मामलों पर काम करने वाली कई सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों से मुलाकात के बाद जस्टिस पसायत ने कहा कि एसआईटी अप्रैल के पहले सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट में अपनी छठी अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने कहा कि बीते दो सालों में एसआईटी ने ब्लैकमनी पैदा होने के तरीकों की जांच के लिए कई सिफारिशें की हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी कई सिफारिशों को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है, जबकि ब्लैक मनी पर लगाम कसने के कुछ अन्य तरीकों पर विचार चल रहा है।’
जस्टिस पसायत ने कहा, ’15 लाख रुपये या उससे अधिक के अघोषित कैश को रखने पर रोक लगाने के फैसले पर गंभारता से विचार चल रहा है।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही 3 लाख या उससे अधिक के कैश ट्रांजैक्शन को अवैध और दंडनीय करार दे दिया है।
जस्टिस पसायत ने कहा कि उन्होंने प्राइवेट शिक्षण संस्थानों, जूलरी शॉप्स, रियल एस्टेट कंपनियों, सेल्फ स्टाइल्ड गॉडमेन और माफिया डॉन के खिलाफ जांच करने वाली राज्यों की क्राइम ब्रांचों से भी आग्रह किया है कि वे अपनी रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग से साझा करें।
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