तेलंगाना में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी आज नए मुख्यमंत्री पद का शपथ लेंगे। इनका राजनीतिक कैरियर बड़ा रोमांचक रहा है। रेवंत ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत भाजपा के छात्र विंग एबीवीपी के सदस्य के रूप में शुरू की। वह 2017 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। इसके बाद पार्टी में लगातार उनका ग्राफ बढ़ता रहा। हालांकि पार्टी के टिकट पर पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी। पिछले 10 वर्षों तक सत्ता पर काबिज रहने वाली भारत राष्ट्र समिति को हराकर कांग्रेस को जीत दिलाई। रेवंत कोडंगल विधानसभा सीट से जीत दर्ज की जबकि अपने दूसरे विधानसभा सीट कामारेड्डी से भाजपा उम्मीदवार रमन्ना रेड्डी से हार गए थे।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
रेवंत रेड्डी का जन्म आठ नवंबर, 1969 में तेलंगाना के महबूबनगर जिले के कोंडा रेड्डी पल्ली में हुआ था। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। रेवंत रेड्डी के राजनीतिक कैरियर की शुरुआत छात्र जीवन में एबीवीपी के सदस्य के रूप में हुई। उन्होंने 2006 में हुए स्थानीय निकाय चुनाव स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए, जिसमें उन्हें सफलता मिली और वह ZPTC के सदस्य के रूप में चुने गए। 2007 में उन्हें स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में विधान परिषद सदस्य चुना गया। इसके बाद उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी ज्वाइन कर लिया। इसके बाद 2009 चुनाव में रेड्डी को कोडंगल सीट से विधानसभा सदस्य चुना गया। इस चुनाव में वह पांच बार के विधायक गुरुनाथ रेड्डी को शिकस्त दी थी। 2014 में उन्होंने गुरुनाथ रेड्डी को करीब 14 हजार वोटो से हराया। इसके बाद उन्हें तेलुगू देशम पार्टी का फ्लोर लीडर के रूप में चुना गया।
2017 में कांग्रेस में शामिल हुए
25 दिसंबर, 2017 को कांग्रेस में शामिल होने की अफवाह के बीच उन्हें तेलुगू देशम पार्टी के फ्लोर लीडर के पद से हटा दिया गया। इसके बाद अक्टूबर, 2017 को वह कांग्रेस में शामिल हो गए। 2018 में वह कांग्रेस के टिकट पर तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़े और टीआरएस उम्मीदवार पटनम नरेंद्र रेड्डी से हार गए। 20 सितंबर, 2018 को उन्हें तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) का अध्यक्ष चुना गया। 2021 में कांग्रेस ने इन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया।