क्या आप जेल जाना चाहते हैं? क्राइम करके नहीं, सिर्फ जेल में रहने का अनुभव लेने के लिए. आपका जवाब अगर हां है, तो महाराष्ट्र जेल प्रशासन आपके स्वागत के लिए तैयार है और आपके लिए भी ये सुनहरा अवसर है. बस जेल में कैदी की तरह कुछ घंटे बिताने के लिए आपको 500 रुपये चार्ज देना होगा. साथ ही जेल के सारे नियम-कायदे एक कैदी की तरह फॉलो करने होंगे.
दरअसल महाराष्ट्र जेल प्रशासन फिलहाल राज्य की तीन जेलों में जेल टूरिज्म को शुरू करने पर विचार कर रहा है. महाराष्ट्र जेल प्रशासन के आईजी राजवर्धन सिन्हा ने ठाणे, रत्नागिरी और सावंतवाड़ी जेल प्रमुखों से जेल के स्पेस के बारे में जानकारी मांगी है, ताकि जेल में उपलब्ध जगह को ध्यान में रखते हुए आगे की प्लानिंग की जा सके.
हैदराबाद से तकरीबन 70 किलोमीटर दूर तेलंगाना की सांगारेड्डी जेल में यह आइडिया काफी समय पहले अपनाया गया था. यह जेल 1796 में निजाम ने बनवाई थी. यहां आने वाले दो मेहमान कैदियों को गार्ड सुबह 5 बजे जगा देते थे. फिर उन्हें 6:30 बजे चाय और 7:30 बजे नाश्ता दिया जाता था.
इसी तरह लंच 11 से 11:30 के बीच और शाम 5 बजे डिनर दिया जाता था. वे यहाँ पूरे दिन वह कैदियों की तरह रहते और शाम 6 बजे उन्हें बैरक में बंद कर दिया जाता था.
इस प्लानिंग को अमल में लाये जाने पर, जेल में बिताए जाने वाले वक्त के दौरान मेहमान कैदी को जेल के नियम फॉलो करने होंगे. उन्हें बैरक में रखा जाएगा. एल्यूमिनियम के बर्तन में खाना दिया जाएगा. साथ ही कैदी जो काम करते हैं, वह भी करने होंगे, जैसे-चटाई बनाना, लिफाफे बनाना आदि.
महाराष्ट्र जेल प्रशासन को जेल टूरिज्म का यह आइडिया तेलंगाना की एक पुरानी जेल से आया है, जिसे अब म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है. बताया जाता है कि इस म्यूजियम में आईजी राजवर्धन सिन्हा एक रात रुके थे, इसी दौरान उनके दिमाग में यह आइडिया आया. ठाणे जेल के एसपी नितिन वांचल के अनुसार, ‘जिन जेलों में हम यह सुविधा देने पर विचार कर रहे हैं, उनमें से कुछ जेल लोगों को इतिहास से जोड़ने का काम भी करेंगी.
इनमें से कुछ जेलों में स्वतंत्रता सेनानियों को कैद करके खा गया था और फांसी दी गई थी.’ इस बारे में आईजी राजवर्धन सिन्हा का कहना है कि ‘यह आइडिया अभी प्राइमरी स्टेज पर है.’