प्रदेश में वर्ग तीन और वर्ग चार की भूमि पर काबिज हजारों परिवारों को मालिकाना हक का मामला फिलहाल लटका हुआ है। मंत्रिमंडल की उप समिति ने सभी जिलाधिकारियों से दोनों श्रेणियों की भूमि पर काबिज परिवारों के संबंध में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन 10 जिलाधिकारियों ने अभी तक रिपोर्ट नहीं दी।
मंत्रिमंडलीय उपसमिति दो बार इस संबंध में बैठक कर चुकी है और बृहस्पतिवार को उप समिति के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में हुई तीसरी बैठक में सिर्फ तीन जिलाधिकारियों की रिपोर्ट प्राप्त होने की सूचना दी गई। इस पर मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने नाराजगी जाहिर की है। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।
सरकार की ओर से प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों को जमीन के पट्टे दिए गए थे। जिस पर काफी समय से लोग काबिज हैं। यह भूमि वर्ग तीन क की भूमि है, जबकि ऐसी सरकारी जमीन जिसे खाता खतौनी में लोगों को काबिज दिखाया गया है, वर्ग चार की भूमि है। इसके अलावा भी बड़ी संख्या में लोग सरकारी और अन्य भूमि पर अवैध रूप से कब्जा जमाए हैं।