भाजपा के स्थानीय नेताओं की गुटबाजी का फायदा इस बार भी किसी नए चेहरे को मिल सकता है। चंडीगढ़ सीट के लिए कई बड़े चेहरों की चर्चा हो रही है।
इनमें से अभिनेत्री कंगना रनौत ( Bollywood Actress Kangana Ranaut) भी एक हैं। तीन दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के हिमाचल प्रदेश दौरे के दौरान उनसे अभिनेत्री कंगना रनौत ने मुलाकात की।
भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी कंगना रनौत
इस मुलाकात के बाद उनके पिता अमरदीप रनौत ने खुद इस बात की पुष्टि की और कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में कंगना भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ेंगी।
हालांकि चुनाव किस सीट से लड़ेंगी यह फाइनल होना बाकी है। कंगना के पिता के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में फिर माहौल गर्म हो गया है। चंडीगढ़ में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई है।
चंडीगढ़ से टिकट मिलने की यह होगी वजह
कंगना रनौत के चुनाव लड़ने की चर्चा तीन लोकसभा क्षेत्रों से हो रही है। पहली सीट इनमें चंडीगढ़ ही है। इसका कारण यह है कि कंगना ने चंडीगढ़ में रहकर स्कूली शिक्षा ग्रहण की है।
उन्होंने सेक्टर-15 स्थित डीएवी स्कूल से पढ़ाई की है। यहीं से मॉडलिंग की दुनिया में जाने का सपना भी बुना। इस वजह से उनका शहर से नाता रहा है। उनका परिवार भी चंडीगढ़ में रहा है।
मूलरूप से मंडी की रहने वाली हैं कंगना रनौत
हालांकि कंगना रनौत मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की रहने वाली हैं। साथ ही राष्ट्रवादी विचारधारा और भाजपा के प्रति झुकाव भी उनके नाम चर्चा में आने का कारण बन रहा है।
इससे उनको लोकल कनेक्ट कर भाजपा उन्हें प्रत्याशी बना सकती है। साथ ही चंडीगढ़ में बड़ा वर्ग हिमाचल प्रदेश का रहता है। महाराष्ट्र में वह उद्धव ठाकरे से भी कई मामलों में भिड़ गई थी।
मथुरा और मंडी से भी चर्चा
कंगना का नाम मथुरा और हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भी नाम चल रहा है। मथुरा से अभी अभिनेत्री हेमा मालिनी सांसद है। आयु सीमा को देखते हुए अब भाजपा इस सीट से किसी दूसरे चेहरे की तलाश में है। स्टार के बदले स्टार से इसकी पूर्ति हो सकती है।
वहीं, दूसरी कंगना के मूल निवास मंडी की सीट भी एक विकल्प है। लोकल होने की वजह से यहां भी भाजपा उन्हें मौका दे सकती है। अभी इस सीट से कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह सांसद हैं।
नेताओं की गुटबाजी नए चेहरे को देगी मौका
भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दोनों ही दलों के नेताओं की गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। भाजपा में तो यह वर्षों से चली आ रही है। इसी वजह से 2014 और फिर 2019 के चुनाव में अभिनेत्री किरण खेर को चेहरा बनाया गया। किरण खेर को भी चंडीगढ़ निवासी होने का फायदा मिला था।
भाजपा नेताओं में पहले तो संजय टंडन, सत्यपाल जैन जैसे नेताओं में ही मतभेद रहते थे। अब तो पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद भी इस सूची में शामिल हो गए हैं। उनके जनसंपर्क कार्यालय खुलने के बाद तो विवाद और बढ़ गया है। उनके उद्घाटन कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा नहीं आए।