उत्तर प्रदेश विधानमंडल में प्रदेश सरकार पांच फरवरी को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश कर सकती है। दो फरवरी को विधानमंडल सत्र के पहले दिन विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सदन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अभिभाषण प्रस्तुत करेंगी। तीन फरवरी को शनिवार के दिन भी सदन की बैठक आहूत होगी। बैठक में भाजपा विधायक मानवेंद्र सिंह और सपा विधायक एसपी यादव के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित कर कार्यवाही स्थगित की जाएगी। सरकार की ओर से 5 फरवरी सोमवार को बजट प्रस्ताव दोनों सदनों में पेश किया जा सकता है।
विधानमंडल के बजट सत्र के आयोजन के लिए विधानमंडल की सर्वदलीय बैठक और विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक अब एक फरवरी को होगी। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बैठक की तिथि संशोधन का आदेश मंगलवार को जारी किया। उल्लेखनीय है कि पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक 31 जनवरी को प्रस्तावित थी।
75 हजार करोड़ रुपये ज्यादा हो सकता है प्रदेश सरकार का बजट
प्रदेश सरकार का इस वर्ष का बजट पिछले बजट से करीब 75 हजार करोड़ रुपये तक ज्यादा हो सकता है। पिछले वर्ष 6.90 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। इस वर्ष ये 7.65 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। वर्ष 2024-25 के बजट में राजस्व व्यय यानी वेतन-पेंशन आदि मदों में सबसे ज्यादा धन बढ़ेगा। इस मद में पिछले साल की तुलना में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये ज्यादा खर्च करना पड़ेंगे।केंद्र का अंतरिम बजट एक फरवरी को पेश होगा जबकि प्रदेश सरकार पांच फरवरी को अपना पूर्ण बजट लाएगी।
योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में वर्ष 22-23 में 5.85 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। वर्ष 23-24 के बजट में लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये का इजाफा कर 6.90 लाख करोड़ का बजट सदन में पेश किया गया था। वर्ष 24-25 में इसमें करीब 75 हजार करोड़ की वृद्धि का अनुमान है और वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना 7.65 लाख करोड़ का बजट ला सकते हैं।
पिछले साल की तुलना में आगामी वित्त वर्ष में स्वयं के कर राजस्व में करीब 34 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। केंद्रीय करों के राज्यांश में भी नए वित्त वर्ष में 25 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिल सकते हैं। केंद्र सरकार से मदद के रूप में मिलने वाले अनुदान में भी 10 हजार करोड़ ज्यादा मिलने का अनुमान जताया गया है।
राजस्व व्यय वर्तमान वित्त वर्ष का करीब 5.02 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। 24-25 में ये बढ़कर 5.57 लाख करोड़ हो सकता है। यानी इसमें करीब 55 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। वहीं पूंजी व्यय में केवल 20 हजार करोड़ रुपये ही बढ़ने का अनुमान जताया गया है। 23-24 की तुलना में 24-25 में राजकोषीय घाटे में मामूली वृद्धि के आसार हैं जो महज 4 हजार करोड़ रुपये होगा। वहीं ऋण में 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है।