यूपी के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति को लखनऊ से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गायत्री प्रसाद प्रजापति पर गैंगरेप का आरोप है. सपा के इस नेता को अब लखनऊ के आलमबाग थाने में लाया गया है.
यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) दलजीत चौधरी ने न्यूज18 से बातचीत में इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जल्द ही उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा.
दरअसल, गैंगरेप मामले में केस दर्ज होने के बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति कई दिनों से फरार था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था, जहां अदालत ने गायत्री को जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया था.
यूपी विधानसभा चुनाव में भी गायत्री का मामला खूब गूंजा था. भाजपा ने कई नेताओं ने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो जल्द गायत्री जेल के भीतर होंगे. अब यूपी में चुनाव के बाद हालात बदल चुके हैं. गायत्री की गिरफ्तारी यूपी पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.
इससे पहले लखनऊ पुलिस ने गायत्री प्रसाद प्रजापति पर शिकंजा कसने के लिए उनके दोनों बेटों को हिरासत में लिया था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गायत्री के बेटों ने आरोपियों को शरण दी थी.
पुलिस पहले ही गायत्री के गनर चंद्रपाल को गिरफ्तार कर चुकी है. मंगलवार को पुलिस ने छापा मारकर रुपेश, विकास और पिंटू को गिरफ्तार किया था. इस दौरान खुफिया एजेंसियों ने गायत्री प्रजापति को लेकर एयरपोर्ट पर भी अलर्ट जारी किया था, ताकि कहीं वो देश छोड़़कर फरार न हो जाएं.
क्या है आरोप?
महिला का आरोप है कि वह प्रजापति से लगभग तीन साल पहले मिली थी. उस समय मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ बलात्कार किया और उसकी तस्वीरें भी ले ली.
महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इसके बाद प्रजापति ने उसको कई बार तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करते हुए रेप किया.
कौन हैं गायत्री प्रजापति?
गायत्री प्रजापति पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. उन्हें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त भी किया था, लेकिन बाद में दोबारा शामिल कर लिया. इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर अमेठी से किस्मत आजमाई, लेकिन हार गए.
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अभी कुछ दिन पहले ही यूपी चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन का मामला देखने को मिला था, जब कानपुर से अमेठी ले जाई जा रही 4000 साड़ियों की एक खेप को पुलिस ने पकड़ा. बिल पर भी गायत्री प्रजापति का नाम था. इस मामले में केस दर्ज हुआ था.