प्रदेश में नगर निकायों के चुनाव मानसून के बाद ही होंगे। सरकार इसी तैयारी में जुट गई है। इसके लिए इसी महीने हाईकोर्ट में निकाय चुनावों की टाइमलाइन भी देनी है। मानसून अवधि में आरक्षण संबंधी सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे।
प्रदेश में 99 नगर निकायों में चुनाव होने हैं। करीब सात माह से इन निकायों में प्रशासक तैनात हैं। हाईकोर्ट में चुनाव में देरी को लेकर मामला चल रहा है। अब हाईकोर्ट में सरकार को नगर निकाय चुनावों की टाइम लाइन जमा करानी है। जानकारी के मुताबिक, चूंकि प्रदेश में मानसून सीजन में कई जगह नुकसान हो रहा है। रास्ते बंद हो रहे हैं। इसलिए सरकार मानसून के बाद ही निकाय चुनाव कराना चाहती है।
सरकार का मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करें। लिहाजा, तय किया गया है कि 15 सितंबर के बाद ही नगर निकाय के चुनाव कराए जाएं। इससे जुड़ी टाइमलाइन भी सरकार हाईकोर्ट में जमा कराने जा रही है। दूसरी ओर निकायों में आरक्षण लागू करने के लिए एक्ट में बदलाव हो चुका है।
नियमावली भी तैयार है, जो जल्द लागू कर दी जाएगी। इसके हिसाब से सभी जिलाधिकारियों के स्तर से आरक्षण लागू करने की अधिसूचना जारी करते हुए सुझाव मांगे जाएंगे। सुझावों के बाद अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराएगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया मानसून सीजन में ही पूरे कर लिए जाएंगे। ताकि 15 सितंबर से अक्तूबर तक चुनाव संपन्न कराए जा सकें।
इन निकायों में नहीं होते चुनाव
राज्य के तीन निकाय ऐसे हैं, जहां हिमाच्छादित क्षेत्र होने की वजह से चुनाव ही नहीं होते। चमोली जिले में नगर पंचायत बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग जिले में नगर पंचायत केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में नगर पंचायत गंगोत्री में इस बार भी चुनाव नहीं होंगे। ये अलग बात है कि इन तीनों धामों में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। ये तीनों निकाय प्रशासनिक व्यवस्था के तहत संचालित होते हैं।
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