उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ नगर फिर से ज्योतिर्मठ के नाम से जाना जाएगा। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने इस संबंध में बुधवार को विधिवत आदेश जारी कर दिया, जिसमें कहा गया है कि आदेश के राजपत्रित अधिसूचना के दिन से जोशीमठ को ज्योतिर्मठ नाम से जाना जाएगा।
स्थानीय जनता लंबे समय से जोशीमठ को ज्योतिर्मठ नाम दिए जाने की मांग कर रही थी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने भी यह मांग प्रमुखता से उठाई गई थी, जिसके मद्देनजर पिछले साल उन्होंने चमोली जिले में एक कार्यक्रम के दौरान नाम परिवर्तन की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे जून में मंजूरी दी गई थी।
मान्यता है कि आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य इस क्षेत्र में आए थे और कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या की थी, जिससे उन्हें दिव्य ज्ञान की ज्योति की प्राप्ति हुई। दिव्य ज्ञान ज्योति और ज्योतेश्वर महादेव की वजह से इस स्थान को ज्योतिर्मठ कहा गया लेकिन बाद में यह जोशीमठ के नाम से प्रचलित हो गया। जोशीमठ को बद्रीनाथ धाम का प्रवेशद्वार माना जाता है।